ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को राजगद्दी पर बैठे हुए आज 70 साल पूरे हो गए हैं. दो जून 1953 को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज्याभिषेक हुआ था. 1952 में ब्रिटेन के किंग जॉर्ज षष्ठम् (VI) की मौत के बाद से ही एलिजाबेथ द्वितीय दुनिया के सबसे मजबूत और चर्चित राजघराने की बागडोर संभाल रही हैं.
भारत में जब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई उस वक्त ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ प्रथम की हुकूमत थी. उनके बाद जेम्स प्रथम, चाल्स प्रथम, चाल्स द्वितीय, जेम्स James II & VII, विलियम III & II और मैरी II, एनी,जॉर्ज प्रथम, जॉर्ज II, जॉर्ज III और जॉर्ज IV के बाद विलियम चतुर्थ ने 1765 से लेकर 1837 तक ब्रिटेन की राजगद्दी संभाली. विलियम चतुर्थ के शासन काल में ही इलाहाबाद की संधि के बाद भारत में ब्रिटिश शासन (1765) की नींव पड़ी.
महारानी विक्टोरिया और एडवर्ड सप्तम का शासन काल
महारानी विक्टोरिया 20 जून 1837 से 1901 (अंतिम साँस तक) तक यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की रानी रहीं. उनके बाद ब्रिटिश साम्राज्य की बागडोर आई उनके बेटे और उत्तराधिकारी एडवर्ड सप्तम के हाथ. एडवर्ड सप्तम 1901 से 1910 तक यूनाइटेड किंगडम के किंग और भारत के सम्राट थे. उनके राज्याभिषेक के दौरान ही लॉर्ड कर्जन (वायसराय) ने दिल्ली में 'दिल्ली दरबार' का आयोजन किया था.
भारत आने वाले पहले राजा थे जॉर्ज पंचम
एडवर्ड सप्तम के बाद ब्रिटिश सत्ता की बागडोर संभाली उनके बेटे जॉर्ज पंचम ने. वह 22 जून 1910 से अपनी मृत्यु 1936 तक ब्रिटेन की गद्दी पर बैठे रहे. 1911 में जॉर्ज पंचम अपनी पत्नी मैरी के साथ भारत आए थे. वे भारत आने वाले ब्रिटेन के पहले राजा और रानी थे. गेट वे ऑफ इंडिया उनके स्वागत के लिए ही बनाया गया था.
प्यार के लिए छोड़ी राजगद्दी
जॉर्ज पंचम के बाद उनके बेटे एडवर्ड अष्टम को राजपरिवार की गद्दी मिली. लेकिन 1936 में अमेरिकी सोशलाइट वालिस सिम्पसन से शादी करने के फैसले के बाद उन्होंने 11 महीने बाद ही गद्दी छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद जॉर्ज षष्ठम् 1952 तक गद्दी पर बैठे रहे.
70 साल से ब्रिटेन की महारानी हैं एलिजाबेथ द्वितीय
1952 में अपने पिता की मौत के बाद से अब तक एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की महारानी बनी हुई हैं. एलिजाबेथ द्वितीय ने 1947 में एडिनबर्ग के ड्यूक फिलिप से शादी की. डेनमार्क और ग्रीस के राजकुमार, प्रिंस फिलिप का जन्म 1921 में हुआ था और उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश रॉयल नेवी में सेवा दी थी. 2017 में वह अपने शाही कर्तव्यों से सेवानिवृत्त हुए. उनका निधन 2021 में हुआ था. दोनों के चार बच्चे हुए: चार्ल्स, ऐनी, एंड्रयू और एडवर्ड.
शाही परिवार के उत्तराधिकारी की दौड़ शामिल
आपको बता दें, शाही परिवार के वंशज ही ब्रिटिश क्राउन के हकदार होते हैं. इस राजघराने में करीब 22 सदस्य इस ब्रिटिश शाही परिवार के उत्तराधिकारी की दौड़ में शामिल हैं. इस लिस्ट में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के चार बच्चे चार्ल्स, एनी, एंड्रयू और एडवर्ड एवं उनकी संतानें भी शामिल हैं. हालांकि प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल ने शाही परिवार छोड़ने का एलान तीन साल पहले ही कर दिया है. दोनों की दो संताने हैं लिलीबेट और आर्ची.