एक शख्स ने कुछ ऐसा खोज निकाला जो ज्यादातर लोग शायद अपने जीवनकाल में नहीं कर पाएंगे. इस शख्स ने सौ मिलियन में एक इंद्रधनुषी क्रस्टेशियन जिसे 'कॉटन कैंडी लॉबस्टर' (Cotton Candy Lobster) कहा जाता है, उसे खोज निकाला. बिल कॉपरस्मिथ (Bill Coppersmith) नाम का ये शख्स कैस्को खाड़ी में मेन के तट पर मछली पकड़ रहा था, जब उसने नीले, बैंगनी और रंग-बिरंगी झींगा मछली को पकड़ा. कॉपरस्मिथ ने इस झींगा मछली का नाम अपनी पोती के नाम पर हैडी रखा.
गेट मेन लॉबस्टर कंपनी के मार्क मुरेल ने एक वीडियो में रंगीन झींगा को पकड़े हुए कहा, 'सुपर, डुपर आपको यह दिखाने के लिए उत्साहित है कि कॉटन कैंडी लॉबस्टर क्या कहलाता है. ऐसा बहुत कम होता है. ये पकड़े गए सौ मिलियन में से केवल एक ही होता है. मार्क मुरेल ने कहा, "हम इसे बेचने नहीं जा रहे हैं. हम इसे पकाने नहीं जा रहे हैं. हम इसे संरक्षित करना चाहते हैं."
झींगा मछलियों के विभिन्न रंगों के पीछे का कारण उनका पिगमेंट
आमतौर पर, झींगा मछली लाल रंग की होती हैं. हालांकि, ये कई दुर्लभ रंगों में भी आती हैं. अमेरिकी झींगा मछलियों के खोल का रंग भूरा होता है, जो पकने के बाद लाल हो जाता है. मेन बीच रंगीन लॉबस्टर के लिए काफी लोकप्रिय है. झींगा मछली का इंद्रधनुषी रंग एक रेयर जेनेटिक म्यूटेशन से आता है. झींगा मछलियों के विभिन्न रंगों के पीछे का कारण उनका पिगमेंट होता है, जिसे एस्टैक्सैन्थिन के रूप में जाना जाता है. झींगा मछली का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा प्रोटीन एस्टैक्सैन्थिन के साथ परस्पर क्रिया करता है.
हालांकि ये अलग-अलग रंग इंसानों को आकर्षित कर सकते हैं, लेकिन ये झींगा मछलियों के लिए खतरनाक होते हैं. शिकारियों से छिपने के लिए, झींगा मछली आमतौर पर अपने वातावरण में घुलमिल जाती है. हालांकि, एक 'कॉटन कैंडी लॉबस्टर' झींगा मछली समुद्र के तल पर आसानी से देखी जा सकती है.
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