Rishi Sunak ने रचा इतिहास, भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश PM होंगे

Rishi Sunak ने ब्रिटेन में इतिहास रच दिया है. सुनक ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री होंगे. ऋषि सुनक को 180 से ज्यादा सांसदों का समर्थन बताया जा रहा है. जरूरी समर्थन नहीं होने की वजह से Penny Mordaunt ने अपना नाम वापस ले लिया है. आपको बता दें कि लिज ट्रस ने 45 दिन प्रधानमंत्री रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

Rishi Sunak
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST
  • भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश पीएम होंगे ऋषि सुनक
  • लिज ट्रस ने 45 दिन पीएम रहने के बाद दिया था इस्तीफा

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री होंगे. भारतीय मूल के सुनक ऐसे पहले शख्स हैं, जो पीएम पद तक पहुंचेंगे. पेनी मार्डॉन्ट ने जरूरी समर्थन नहीं मिलने की वजह से अपना नाम वापस ले लिया. इसके साथ ही ऋषि सुनक का पीएम बनने का रास्ता साफ हो गया. बताया जा रहा है कि ऋषि सुनक 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. आपको बता दें कि लिज ट्रस 45 दिन तक पीएम रहीं और उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. ट्रस के फैसले को लेकर विवाद हुआ था और टोरी सांसद ट्रस के खिलाफ हो गए थे. हालांकि पहले ट्रस ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. लेकिन ज्यादा विवाद होने पर उन्होंने अपना पद त्याग दिया.

उम्मीदवारी के लिए 100 सांसदों का समर्थन जरूरी था-
कंटरवेटिव पार्टी में पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए 100 सांसदों का समर्थन जरूरी था. लेकिन पेनी मार्डॉंट समर्थन जुटाने में नाकाम रही. जबकि सुनक को 180 से ज्यादा सांसदों का समर्थन प्राप्त है. उधर, बोरिस जॉनसन ने पहले ही उम्मीदवार की दौड़ से पीछे हट चुके थे. उसके बाद से ही माना जा रहा था कि ऋषि सुनक का पलड़ा भारी है और अब ऋषि सुनक ब्रिटेन के पीएम बनने जा रहे हैं.

लिज ट्रस ने दिया था इस्तीफा-
ब्रिटेन की पीएम लिज ट्रस ने 45 दिन प्रधानमंत्री रहने के बाद इस्तीफा दे दिया था. दरअसल लिज ट्रस ने चुनाव प्रचार के दौरान टैक्स में कटौती समेत कई बड़े-बड़े वादे किए थे. पीएम बनने के बाद उन्होंने संसद में मिनी बजट पेश किया था. इस बजट में उन्होंने टैक्स कटौती समेत कई बड़े कदम उठाए थे. इसके बाद ब्रिटेन की आर्थिक हालत पर इसका गलत असर पड़ने लगा. इसके बाद ब्रिटेन में सियासी हंगामा खड़ा हो गया. हंगामा होने के बाद सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया. लेकिन टोरी सांसदों ने लिज ट्रस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और आखिरकार ट्रस को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. 

 

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