रूस और यूक्रेन के बीच हुए विवाद से कहीं तीसरा विश्वयुद्ध ना छिड़ जाए इस बात को लेकर सभी चिंता जाहिर करते रहे हैं. हालांकि ये बात भी दिलचस्प है कि चिंता जाहिर करने वालों में खुद सुपरपॉवर कहे जाने वाले अमेरिका और रूस भी शामिल हैं. देखते ही देखते ये विवाद रूस-यूक्रेन से रूस-अमेरिका तक पहुंच गया है. बढ़ते विवादों में एक नया विवाद अमेरिका के क्षेत्र उल्लंघन को लेकर हो गया है.
अमेरिका ने किया जलक्षेत्र का उल्लंघन!
रूसी न्यूज एजेंसी तास ने रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से ये दावा किया है कि अमेरिका ने एक परमाणु संचालित पनडुब्बी को अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए रूस के इलाके कुरील द्वीप के पास घुसाने की कोशिश की थी. जिसे लेकर रूस ने अमेरिकी दूतावास के डिफेंस ऐटशै को समन भी भेज दिया.
अमेरिका कर रहा है साफ इंकार
हालांकि पूरे मामले को लेकर अमेरिका ने साफ इंकार किया है. अमेरिका मिलिट्री का कहना है कि, "रूस के क्षेत्रजल में हमारे ऑपरेशन के रूसी दावों में कोई सच्चाई नहीं है." जहां एक तरफ रूस का दावा है कि अमेरिका के ऐसा करने के बाद अमेरिकी पनडुब्बी को जबरन वहां से हटाया गया. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी सेना ने इस बात को निराधार बताया.
कुरील द्वीप क्यों है महत्वपूर्ण?
कुरील द्वीप कूटनीतिक लिहाज से रूस और अमेरिका दोनों के लिए महत्व रखता है. जानकारी के मुताबिक इस द्वीप को एक तरफ रूस अपना अधिकारिक क्षेत्र बताता है, वहीं जापान भी इसपर अपना दावा करता है. ऐसे में रूस-यूक्रेन विवाद जिस तरह से रूस-अमेरिका विवाद का रूप ले चुका है, उसे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस द्वीप को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद भयानक रूप ले सकता है.
रूस और अमेरिका में हो सकती है जंग?
बता दें कि ये विवाद ऐसे वक्त पर छिड़ा है जब रूस के 1 लाख से ज्यादा सैनिकों ने यूक्रेन को तीनों तरफ से घेर लिया है. जिसे लेकर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों में भयंकर तनाव है. अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है, जिसे देखते हुए अमेरिका भी अपना पक्ष मजबूत रखे हुए है. कुरील द्वीप हमेशा से विवादित क्षेत्र रहा है, विवादित होने के कारण ये दोनों देशों के बीच के तनाव की वजह बन सकता है. इससे साफ है कि यूक्रेन से विवाद के बीच रूस और अमेरिका की तनातनी खतरनाक साबित हो सकती है.
रूस ने भेजा था अमेरिका को समन
रूस ने केवल दावा ही नहीं किया बल्कि पूरे मामले को लेकर अमेरिकी राजनयिक को समन भेजा था. रूस के रक्षा मंत्रालय की मानें तो सैन्य युद्ध अभ्यास के दौरान मार्शल शारपोन चिंचकोव डिस्ट्रायर ने अमेरिकी नेवी की वर्जीनिया क्लास सबमरीन को रूसी जलक्षेत्र में उत्तरी प्रशांत के कुरील द्वीप के पास देखा. जिसके बाद मास्को में अमेरिकी डिफेंस ऐटशै को समन भेजा गया था.