इन देशों के खिलाफ रूस ने उतारी थी इस्कंदर मिसाइल, अब अमेरिका को लगने लगा है इससे डर

रूस की इस्कंदर मिसाइल ने जॉर्जिया युद्ध, सीरिया सिविल वॉर, नोर्गोनो कारबाख युद्ध और यूक्रेन में रूस के हमले के दौरान अपनी ताकत दिखाई है.अब रूस यूक्रेन के खिलाफ जंग में उतरने वाला है

Russia’s Iskander-M missiles
नाज़िया नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST
  • अमेरिका रूस की Tu-160 ब्लैकजैक और Tu-95 बीयर बॉम्बर जैसे परमाणु हथियारों पर नजर बनाए हुआ है.
  • इन दोनों बॉम्बर्स का इस्तेमाल रूस पर परंपरागत बमों से हमला करने के लिए किया जा चुका है.

रूस की मिसाइल  इस्कंदर  (9K720 Iskander) ने यूक्रेन में तबाही का मंजर पैदा कर दिया है.  ऐसे में अमेरिका रूस पर लगातार नजरें जमाएं हुआ है. अमेरिका को ये बात परेशान कर रही है कि  इस्कंदर के अलावा रूस दूसरे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल ना करें. वहीं रूस के  राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका समेत पूरे नाटो को यूक्रेन युद्ध में शामिल न होने की चेतावनी दे रखी है. पुतिन ने  अपनी चेतावनी में कहा कि अगर कोई दूसरा देश यूक्रेन युद्ध में शामिल होता है तो उसके नतीजे बहुत खतरनाक होंगे. 

अमेरिका को डरा रहा यूक्रेन पर परमाणु हमले का डर 

रूस- यूक्रेन के बीच जारी तनाव में नाटो ने यूक्रेन  का साथ दिया है और अब तक यूक्रेन को  अरबों रूपये के हथियार दिए हैं. इन्हीं के दम पर यूक्रेनी सेना ने रूस को कड़ी टक्कर दी है.  बाइडेन प्रशासन ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि 80 करोड़ डॉलर कीमत के हथियार यूक्रेन को भेजे जा रहे हैं. अमेरिका ने इससे पहले भी यूक्रेन को एंटी टैंक मिसाइलें, एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें, प्रोटेक्टिव सूट के अलावा कई हथियारों की सप्लाई की थी. साथ ही अमेरिका रूसी सेना के हर हलचल की जानकारियां यूक्रेन को दे रहा है. 
  

रूस के इस्कंदर मिसाइल पर अमेरिका की नजर

अमेरिका रूस के परमाणु ठिकानों पर गहरी नजर बनाए हुए है, साथ ही अमेरिका ये भी कह रहा है कि रूस ने अब तक  परमाणु हथियारों की तैनाती को लेकर प्रत्यक्ष कदम नहीं उठाया है. 

अमेरिका रूस की Tu-160 ब्लैकजैक और Tu-95 बीयर बॉम्बर जैसे परमाणु हथियारों पर नजर बनाए हुआ है.  इन दोनों बॉम्बर्स का इस्तेमाल रूस पर परंपरागत बमों से हमला करने के लिए किया जा चुका है. वहीं  रूस का इस्कंदर मिसाइल सिस्टम कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस है, और ये मुमकिन है कि  रूस इसी मिसाइल सिस्टम के जरिए यूक्रेन पर परमाणु हमला करे.  ऐसे में अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस्कंदर मिसाइल सिस्टम पर करीब से नजर बनाए हुआ है. 

इस्कंदर मिसाइल सिस्टम के पास है बेशूमार ताकत 

साल 2006 में रूसी सेना में कमीशन होने वाली इस्कंदर मिसाइल में  शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं. इस्कंदर मिसाइल सिस्टम का नाटो नाम एसएस-26स्टोन है. फिलहाल ये सिस्टम रूसी सेना, आर्मीनियाई सेना और अल्जीरियाई सेना में कमीशन है.  यह मिसाइल 480 से 700 किलोग्राम तक परमाणु और गैर परमाणु वॉरहेड को लेकर जा सकती है.  इसकी मिसाइलें मैक 5.9 की स्पीड से उड़ान भर सकती हैं. 

कई तरह के हतियारों से लैश है इस्कंदर मिसाइल सिस्टम 

इस्कंदर मिसाइल सिस्टम में क्लस्टर मुनिशन वारहेड, बंकर बस्टिंग के लिए एक अर्थ पेनेट्रेटर और एंटी-रडार मिशन के लिए एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स डिवाइस शामिल है. यानी ये मिसाइल सिस्टम अलग अलग तरह के मिसाइल सिस्टम से लबरेज है.   इस सिस्टम की मिसाइल परमाणु हथियार भी ले जा सकती है.  रूस ने स्कड मिसाइल को बदलने के लिए इस्कंदर मिसाइल को शामिल किया था.  इस्कंदर मिसाइल सिस्टम को 1988 में डिजाइन किया गया था, जिसे रूसी सेना में 2006 में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था. 

इन युद्धों में अपनी ताकत दिखा चुका है इस्कंदर

लेटेस्ट मिसाइल इस्कंदर एम को 2018 में लॉन्च किया गया था.  इस्कंदर-एम सिस्टम दो सॉलिड-प्रोपेलेंट सिंगल-स्टेज गाइडेड मिसाइल है. इस सिस्टम की हर मिसाइल को पूरे उड़ान के दौरान कंट्रोल किया जा सकता है. इनमें से सभी मिसाइलों में अलग न होने वाला वॉरहेड लगाया जाता है.  ताकि मिसाइलें स्वतंत्र रूप से अपने लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्हें नष्ट  कर सकें. इस मिसाइल ने रूस जॉर्जिया युद्ध, सीरिया सिविल वॉर, नोर्गोनो कारबाख युद्ध और यूक्रेन में रूस के हमले के दौरान अपनी ताकत दिखाई है.

 

 

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