Russia Ukraine War: भारतीय छात्रों का पहला बैच यूक्रेन-रोमानिया बॉर्डर के लिए रवाना, हंगरी, पोलैंड और रोमानिया के रास्ते भारतीयों को निकालने की तैयारी 

Russia Ukraine War: भारत हंगरी, पोलैंड और रोमानिया के साथ यूक्रेन की सीमाओं के माध्यम से भारतीयों को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. भारत सरकार यूक्रेन में भारतीयों के लिए फ्लाइट्स की व्यवस्था कर रही है जिसका खर्च पूरी तरह से सरकार उठाएगी.

Russia Ukraine War
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 25 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:06 PM IST
  • भारतीयों के लिए फ्लाइट्स की व्यवस्था की जा रही है.
  • रूसी सैन्य हमले के बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है.

रूसी सेना यूक्रेन के शहरों पर जमीन, हवा और पानी तीनों तरफ से हमले कर रही है. रूस ने राजधानी कीव में मिसाइलों से हमले किए और हमले के दूसरे ही दिन रूसी सेना राजधानी कीव तक पहुंच गई है. ऐसे में युद्धग्रस्त यूक्रेन में हर हिंदुस्तानी को भारत लौटने का इंतज़ार है. भारत सरकार ने सभी संभावित कदमों को उठाना शुरू कर दिया है. भारत की पहली प्राथमिकता इस वक्त युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों की सकुशल वतन वापसी की है. रूसी हमले के बाद से ही यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है, जिसकी वजह से रेस्क्यू के लिए गए एअर इंडिया के विमान की दूसरी फ्लाइट को बीच रास्ते से लौटना पड़ा था. लिहाजा भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए प्लान-B पर काम शुरू कर दिया है. 

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि सरकार अपने पड़ोसी देशों के साथ सीमा पार से यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के प्रयास कर रही है और फिर उन्हें घर वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए फ्लाइट्स की व्यवस्था की जा रही है जिसका खर्च पूरी तरह से सरकार उठाएगी. सूत्रों के मुताबिक, "भारत सरकार यूक्रेन में भारतीयों के लिए फ्लाइट्स की व्यवस्था कर रही है. जिसके लिए खर्च पूरी तरह से सरकार उठाएगी." फिलहाल भारत हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के साथ यूक्रेन की सीमाओं के माध्यम से भारतीयों को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि यूक्रेनी सरकार ने रूसी सैन्य हमले के बाद देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था. 

भारतीय छात्रों का पहला जत्था यूक्रेन-रोमानिया बॉर्डर के लिए रवाना 

इस पर काम करते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) के कैंप ऑफिस अब पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव (Lviv) और चेर्नित्सि (Chernivtsi) शहरों में चालू हैं. इन शिविर कार्यालयों में रूसी भाषा बोलने वाले अधिकारियों को भेजा जा रहा है. वहां के अधिकारी उन भारतीय नागरिकों की सहायता कर रहे हैं जो इन शहरों तक पहुंचते हैं, और यूक्रेन से सटे सीमा क्रॉसिंग के माध्यम से उनके प्रस्थान की व्यवस्था करेंगे. भारतीय छात्रों का पहला जत्था अब चेर्नित्सि से यूक्रेन-रोमानिया बॉर्डर के लिए रवाना हो गया है. 

यूक्रेन से पोलैंड जाने वालों के लिए नई एडवाइजरी

इसी बीच यूक्रेन से पोलैंड जाने वालों के लिए नई एडवाइजरी जारी की गयी है. सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से आने वाले और पैदल बॉर्डर पार करने वालों को शेहिनी-मेड्यका क्रॉसिंग का इस्तेमाल करना होगा. वहीं अपने वाहन से आने वाले लोग अभी भी क्राकोविक क्रॉसिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. पोलैंड पहुंचने वाले सभी भारतीयों को गूगल फॉर्म पर रजिस्टर कर अपनी पूरी जानकारी देनी होगी ताकि उनके लिए भारत प्रस्थान करने वाली फ्लाइट्स में सीट बुक की जा सके. वहां फंसे भारतीयों की वतन वापसी के लिए फ्लाइट्स जल्द उपलब्ध करायी जाएंगी. 

हंगरी, पोलैंड और रोमानिया के रास्ते भारतीयों को निकालने की तैयारी 

वहीं दूसरी ओर स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा (Bratislava) में भारतीय दूतावास ने 24 फरवरी से स्लोवाकिया में रहने वाले या उस रास्ते से भारत आने वाले भारतीयों की मदद के लिए अधिकारियों को तैनात किया है. ये अधिकारी स्लोवाकिया-यूक्रेन बॉर्डर के रास्ते भारतीयों को बाहर निकालने में मदद करेंगे. फिलहाल भारत हंगरी, पोलैंड और रोमानिया के साथ यूक्रेन की सीमाओं के माध्यम से भारतीयों को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. हालांकि, स्लोवाकिया फिलहाल अभी इस रूट का हिस्सा नहीं है लेकिन अधिकारी अब वहां आने वाले भारतीयों की भी सुरक्षित निकासी के लिए हरसंभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं.   

 

 

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