'किस्मत ने दिया धोखा वरना यूक्रेन नहीं इंडिया में होती आज'

यूक्रेन के हालात लगातार खराब हो रहे हैं. जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त होने लगा है. बिश्वा आंखों देखा हाल बताती हैं. वो कहती हैं कि हमारे पास कैश खत्म हो चुका है, एटीएम में भी कैश नहीं है क्योंकि स्थानीय लोगों ने सारा कैश निकाल लिया है.

Indian Student
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST
  • यूक्रेन में फंसी भारतीय छात्रा ने शेयर की आपबीती
  • मुश्किल होते जा रहे हैं यूक्रेन के हालात

रूस के हमले के बाद यूक्रेन में कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. ऐसे ही स्टूडेंट्स में से एक बिश्वा भारती नाम की एक छात्रा से जीएनटी टीवी ने बात की. बिश्वा भारती यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. 24 फरवरी को बिश्वा की कीव एयरपोर्ट से इंडिया के लिए फ्लाइट थी. बिश्वा यूक्रेन के CHERNIVTSI से एयरपोर्ट के लिए 23 फरवरी की रात निकली. लेकिन एयरपोर्ट से महज 17 क‍िलोमीटर पहले बिश्वा की बस को रोक लिया गया. बताया गया कि यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया है.

बस में बिश्वा के साथ और भारतीय स्टूडेंट भी हैं. बिश्वा ने बताया कि वो लोग 23 फरवरी की रात से निकले हुए हैं. 36 घंटे से इन लोगों ने कुछ नहीं खाया.  36 घंटे से सिर्फ पानी और बिस्कुट के सहारे हैं.

जिस वक्त हमने बिश्वा से बात की बिश्वा बस में थी और दूसरे भारतीय स्टूडेंट्स के साथ अपनी यूनिवर्सिटी की तरफ वापस लौट रही हैं.
बिश्वा बताती हैं कि सड़क पर हालात बहुत खराब हैं. यूक्रेन के स्थानीय लोग भी पलायन करने लगे हैं. सब डरे हुए हैं.

बिश्वा कहती है कि सड़क पर कहीं कहीं यूक्रेन आर्मी के टैंक भी दिख जाते हैं. हमने कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह से शहर के बीच आर्मी के टैंक देखने को मिलेंगे. हालांकि यूक्रेन की आर्मी या पुलिस हमें देखकर कोई रिएक्शन नहीं देती है.

यूक्रेन के हालात लगातार खराब हो रहे हैं. जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त होने लगा है. बिश्वा आंखों देखा हाल बताती हैं. वो कहती हैं कि हमारे पास कैश खत्म हो चुका है, एटीएम में भी कैश नहीं है क्योंकि स्थानीय लोगों ने सारा कैश निकाल लिया है.

बिश्वा बताती हैं कि हमारी फ्लाइट कैंसिल हो गईं. अब हम वापस यूनिवर्सिटी की तरफ जा रहे हैं. हालांकि हमे पता चला है कि यूनिवर्सिटी के पास भी धमाके हुए हैं.

बिश्वा थोड़ी नाराजगी दिखाते हुए कहती हैं कि भारतीय दूतावास ने सही वक्त पर र‍िएक्ट नहीं क‍िया. हमें गोलमोल जवाब मिलते रहे. अब कहा जा रहा है कि पोलैंड या रोमानिया के रास्ते हमें भेजा जाएगा.

बिश्वा बताती हैं कि बस में कुछ लोगों की तबियत भी खराब हुई थी. यूक्रेन में अधिकतर छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. बिश्वा भी MBBS लास्ट ईयर की स्टूडेंट है. बिश्वा कहती हैं अब सब कुछ खराब होता लग रहा है. करियर पर भी संकट दिखाई पड़ रहा है.

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