Russia-Ukraine War: रूसी सेना के वाहनों पर क्‍यों लिखा हुआ है ‘Z’, क्या है इस निशान का रहस्य?

Russia-Ukraine War: रूसी सैन्य वाहनों पर अलग-अलग तरीके से Z का निशान बनाया गया है. कहीं सीधे Z लिखा है. तो कहीं पर चौकोर बॉक्स में या त्रिकोण के अंदर Z बनाया गया है. तरह-तरह के सैन्य वाहनों पर अलग-अलग तरह के Z के निशान देखने को मिल रहे हैं.

Russia-Ukraine War: (Photo Credit- Social Media)
श्रुति श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली ,
  • 26 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST
  • रूसी सैन्य वाहनों पर अलग-अलग तरीके से Z का निशान बनाया गया है.
  • इस तरह के निशान का इस्तेमाल रोसवार्दिया ट्रूप्स के लिए किया जाता है.

यूक्रेन पर रूस के हमले का आज तीसरा दिन है. रूस की सेना यूक्रेन के कई इलाकों में मिसाइल और रॉकेट से हमला कर रही है. यूक्रेन के कई शहर रुस के हमले की चपेट में आ चुके हैं. जमीन पर रूसी सेना बॉडर को पार कर यूक्रेन में घुस चुकी है तो आसमान से रूसी वायुसेना के जंगी बेड़े उड़ान भरते नजर आ रहे हैं. यूक्रेन के कई इलाकों में मिसाइल और रॉकेट से हमले हो रहे हैं. इस बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि कीव में घुसे रूसी सैनकों को यूक्रेन ने पीछे खदेड़ दिया है. यूक्रेन और रूस की सेना के बीच आमने-सामने की लड़ाई जारी है. लेकिन इस दौरान एक बात जो किसी को समझ में नहीं आई कि रूस की सैन्य गाड़ियों पर Z का निशान क्यों बना है?

रूसी सैन्य वाहनों पर बना है 'Z' का निशान

यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है. रूसी सेना अपने टैंकों और वाहनों के साथ यूक्रेन के कई हिस्‍सों में आगे बढ़ रही है, जिसकी कई तस्‍वीरें सामने आ रही हैं. इन तस्‍वीरों में एक बात जो हर किसी के दिमाग में खटक रही है वो है रूसी टैंकों और वाहनों पर बना ‘Z’ का निशान. आखिर रूसी सेना के वाहनों पर बने इस निशान का क्‍या मतलब है? रूसी सैन्य वाहनों पर अलग-अलग तरीके से Z का निशान बनाया गया है. कहीं सीधे Z लिखा है. तो कहीं पर चौकोर बॉक्स में या त्रिकोण के अंदर Z बनाया गया है. तरह-तरह के सैन्य वाहनों पर अलग-अलग तरह के Z के निशान देखने को मिल रहे हैं, जिनका युद्ध में अलग-अलग मतलब बताया जा रहा है. ये 'Z' अक्षर सिर्फ तोपों पर ही नहीं, बल्कि बंदूकों, ईंधन ट्रकों और आपूर्ति वाहनों पर भी पेंट से लिखा गया है. 

रोसवार्दिया ट्रूप्स के लिए इस्तेमाल होता है ये निशान 

Z के निशान वाले रूसी सैन्य वाहनों की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी खूब शेयर की जा रही हैं. रशियन डिफेंस पॉलिसी पर पीएचडी कर रहे स्टूडेंट रॉब ली ने अपने ट्वीट में बताया कि यह एक तरह का बड़ा रेड फ्लैग है. ये रोसवार्दिया ट्रूप्स (Rosgvardia Troops) हैं. ये उन एवटोजाक्स (Avtozaks) गाड़ियों में जा रहे हैं, जिनमें कैदियों को ले जाया जाता है. आमतौर पर बेल्गोरॉड इलाके में इन गाड़ियों में Z का निशान बनाया जाता है. 

टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के निशान का इस्तेमाल रोसवार्दिया ट्रूप्स के लिए किया जाता है. रोसवार्दिया ट्रूप्स का मतलब रश‍ियन नेशनल गार्ड से है. यह सेना के जवानों से अलग होते हैं. इन्हें कहीं भी कब्‍जा और घुसपैठ करने का प्रशिक्षण भी मिला होता है. रोसवार्दिया ट्रूप्स अपनी हर कार्रवाई की जानकारी सीधे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देते हैं. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि Z का यह निशान इसलिए बनाया गया है ताकि रूसी सेना गलती से अपने वाहनों को निशाना न बनाएं. Z निशान का मतलब है कि वो रूसी सेना के वाहन हैं.

 

 

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