'बच्चों को फोड़ने दें पटाखे'... सद्गुरु ने द‍िवाली के प्रदूषण से बचने को बताया ये तरीका

आध्यात्मिक गुरु ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने इसका समाधान बताया है. सद्गुरु बताते हैं कि बचपन में उन्हें भी पटाखे खरीदने और फोड़ने का बहुत शौक था. ट्विटर पर पोस्ट किये गए वीडियो में वह कहते हैं, “जो लोग अचानक पर्यावरण को बचाने की दृष्टि से सक्रिय हुए हैं और कहते हैं कि किसी भी बच्चे को पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए...... यह अच्छा तरीका नहीं है.”

प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST
  • आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बताया समाधान
  • देश के कई राज्यों में लगाया गया है पटाखों पर प्रतिबंध
  • तीन दिनों तक पैदल चलकर ऑफिस जाने की दी सलाह

पटाखे (Crackers) फोड़ने चाहिए या नहीं.....इसपर पिछले कई सालों से बहस छिड़ी हुई है. एक ओर जहां कुछ लोगों ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाने का आह्वान किया है, वहीं अन्य ने कुछ प्रतिबंधों की मांग की है. हालांकि, हर बार कुछ लोग वह भी होते हैं जो वायु और ध्वनि प्रदूषण के बावजूद भी पटाखे फोड़ना जारी रखते हैं. लेकिन क्या बच्चों को पटाखे जलाने से रोकना और आतिशबाजी देखने के आनंद से उन्हें दूर रखना, पर्यावरण की समस्या से निपटने का सही तरीका है? क्या कोई रास्ता है जिससे कोई बीच का रास्ता खोजा जा सके? 

इसी कड़ी में आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा है कि बच्चों को पटाखे फोड़ने से  नही रोकना चाहिए. उन्हें पटाखों की खुशी का अनुभव लेने देना चाहिए. देश में पटाखों पर प्रतिबंध का समर्थन करने वालों को सद्गुरु ने कहा है कि वह बच्चों के लिए बलिदान करें और 3 दिन वॉक करके अपने ऑफिस जाएं और बच्चों जो पटाखे फोड़ने का मजा लेने दें.

सोशल मीडिया पर पोस्ट किया वीडियो 

दरअसल, आध्यात्मिक गुरु ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने इसका समाधान बताया है. वीडियो में, वह बताते हैं, "वायु प्रदूषण के बारे में चिंता करना बच्चों को पटाखों की खुशी का अनुभव करने से रोकने का कारण नहीं होना चाहिए."

सद्गुरु बताते हैं कि बचपन में उन्हें भी पटाखे खरीदने और फोड़ने का बहुत शौक था. ट्विटर पर पोस्ट किये गए वीडियो में वह कहते हैं, “जो लोग अचानक पर्यावरण को बचाने की दृष्टि से सक्रिय हुए हैं और कहते हैं कि किसी भी बच्चे को पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए...... यह अच्छा तरीका नहीं है.”  

बताया समाधान....... 

आध्यात्मिक गुरु आगे कहते हैं, "वे सभी लोग जो हवा में प्रदूषण के बारे में चिंतित हैं, वे एक काम कर सकते हैं - बच्चों के लिए बलिदान करें ताकि वे आनंद ले सकें. वयस्क पटाखों को रोक सकते हैं और इसके लिए वे तीन दिनों तक पैदल चलकर अपने ऑफिस जा सकते हैं, और कार न चलाएं. ”

लेकिन, यह सच है कि दिवाली के दौरान प्रदूषण कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही कई बीमारियां हैं. दृश्यता में गिरावट और धुंध का बढ़ना, विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित कर सकती है जो दमा के रोगी हैं, जो कोविड से उबर रहे हैं. पटाखे फोड़ने के दौरान जो शोर होता है उससे जानवरों को भी नुकसान पहुंचता है.

ये भी पढ़ें

 

Read more!

RECOMMENDED