Saydnaya Prison: हिटलर के सलाहकार को बनाया था सिक्योरिटी एडवाइजर, यहां टॉर्चर से मर गए हजारों लोग... Bashar al-Assad इस सैदनाया जेल में कैद रखते थे अपने विरोधी

सैदनाया जेल के बारे में बेहद कम जानकारी उपलब्ध है. लेकिन जो भी जानकारी उपलब्ध है उसके आधार पर इसे इंसानों का बूचड़खाना बताया जाता है. इस जेल का इतिहास और वर्तमान इसके बारे में क्या बताता है, पढ़िए.

शादाब खान
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST

"भाग जाओ यहां से, बशर अल-असद का शासन गिर गया है"
"लेकिन कहां भाग जाऊं"
"कहीं भी"
"लेकिन कहां?"

जब सीरिया के विद्रोही समूह हिज़्ब तहरीर अल-शम्स (Hizb Tahrir Al-Shams) के सैनिकों ने सैदनाया जेल की कालकोठरियों में बंद महिलाओं को आज़ाद किया तो एक महिला ने उनसे कुछ इस तरह के सवाल किए. लंबे वक्त से जेल में बंद यह महिला नहीं जानती थी कि आज़ाद होकर उसे कहां जाना है. वह कहां जा सकती है. और कहीं बशर अल-असद के सैनिक उसे पकड़कर दोबारा जेल में तो नहीं डाल देंगे?

जब विद्रोही बलों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया तो सैदनाया जेल से ऐसे हजारों लोगों को रिहा किया. इनमें से कुछ ऐसे थे जिन्होंने अपनी जवानी कालकोठरी में बंद रहकर काटी. जबकि कुछ ऐसे थे जिनका जन्म ही यहीं हुआ और होश संभालने के कई साल बाद आजाद दुनिया की झलक उन्हें मिली. असद की इस जेल के बारे में यूं तो सार्वजनिक तौर पर बहुत कम जानकारी मौजूद है, लेकिन जो भी जानकारी है वह बेहद भयावह है. 

हिटलर के सलाहकार की मदद से बनी जेल
सैदनाया जेल सीरिया की राजधानी दमिश्क से 30 किलोमीटर दूर, उत्तर दिशा में है. बशर अल-असद के पिता हाफिज़ अल-असद ने सीरियाई जमीनदारों की जमीन पर कब्जा कर इसे 1986 में बनाया था. हाफिज ने यह जेल अपने विरोधियों के लिए बनाई थी. और 1987 में इस जेल में पहला कैदी बंद किया गया.
 

सैदनाया जेल (Photo/Getty)

उस वक्त हाफिज अपने टॉर्चर सिस्टम के लिए कुख्यात थे. जेनोसाइड वॉच डॉट कॉम की एक रिपोर्ट बताती है कि हाफिज ने सैदनाया में टॉर्चर की व्यवस्था तैयार करने के लिए फ्रांसीसी शासकों से तो प्रेरणा ली ही थी. साथ ही उन्होंने एडोल्फ हिटलर के एक सलाहकार एलोइस ब्रनर को इस जेल का सुरक्षा सलाहकार रखा था. 

सैदनाया की देखरेख सीरियाई मिलिट्री पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस के हाथों में थी. यह जेल 1.4 स्क्वेयर किलोमीटर में फैली हुई थी और इसमें प्रमुख रूप से दो इमारतें थीं. मानवाधिकार समूहों के अनुसार, एक इमारत में असद सरकार के बागी मिलिट्री अफसरों और सैनिकों को रखा जाता था. जबकि 'रेड बिल्डिंग' नाम की इमारत में सत्तापक्ष के दुश्मनों को रखा जाता था. 

बशर के राज में कैसी थी सैदनाया जेल?
साल 2011 में सीरिया में गृह युद्ध शुरू होने के बाद असद ने इस जेल में हजारों की तादाद में लोगों को भरना शुरू कर दिया. एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, असद ने 2011 में इस जेल को पूरी तरह खाली कर दिया था. और ऐसे लोगों से भर दिया था जिन्होंने उनके खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. 
 

रेड बिल्डिंग (Photo/Getty)

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के एक आंकलन के अनुसार, एक लाख से ज्यादा सीरियाई लोग इस जेल में गायब हो चुके हैं. मानवाधिकार समूहों के आंकड़ों के अनुसार 2011 से 2018 के बीच इस जेल में 30,000 लोग इस जेल में या तो फांसी के तख्त पर चढ़ा दिए गए, या टॉर्चर, भूख और दवाइयों की कमी से मर गए. 

सैदनाया जेल की निगरानी करने वाले तुर्की के एक मानवाधिकार समूह (Association of Detainees and the Missing in Sednaya Prison) के अनुसार, 2018 से 2021 के बीच भी 500 सीरियाई लोगों को यहां फांसी दे दी गई.

'रेड बिल्डिंग' बन गई थी टॉर्चर की मिसाल
एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2017 की एक रिपोर्ट में सैदनाया से छूटे कैदियों के हवाले से बताया गया है कि यहां कैदी मारपीट, भूख और रेप तक का सामना करते थे. इसी रिपोर्ट ने एक पूर्व गार्ड के हवाले से बताया कि रेड बिल्डिंग के कैदियों को रात के अंधेरे में एक बेसमेंट में ले जाकर फांसी देते थे. जहां एक समय पर कभी-कभी 100 लोग तक हुआ करते थे.

जब रविवार को विद्रोहियों ने यह जेल खोली तो यहां से कई लोग ऐसे निकले जो अपना नाम तक नहीं जानते थे. कई सालों से इस जेल में बंद महिलाओं के नन्हे बच्चे दुष्कर्म की तरफ इशारा करते हैं. विद्रोहियों के लीडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने जरूर कहा है कि इस जेल में टॉर्चर और हत्या में हिस्सा लेने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सैदनाया जेल के काले इतिहास की परतें पूरी तरह खुलना अभी बाकी है. 

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