Shinzo Abe Died: 90 साल बाद जापान में दोहराया गया इतिहास, शांतिप्रिय देश में लोगों के बीच पीएम को उतारा गया मौत के घाट

Shinzo Abe Died: जापान ने बंदूक रखने को लेकर सख्त नियम बनाए हैं. जापान दुनिया का शांतिप्रिय देश है, यहां गोलीबारी की घटनाएं कम ही देखने को मिलती हैं. ऐसे देश में जहां गन कल्चर पर इतनी पाबंदी है, वहां किसी कद्दावर नेता को गोली मार देना जापान के इतिहास में याद रखा जाएगा.

अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST
  • जापान में बेहद कड़े हैं गन रखने के नियम
  • जापान में बंदूक का लाइसेंस हासिल करना अपने आप में बहुत मुश्किल काम है.
  • पुलिस की जांच से गुजरना पड़ता है

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को चलते भाषण के बीच गोली मार दी गई. गोली लगने के तुरंत बाद आबे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. शिंजो आबे जापान के सबसे ज्‍यादा समय तक पद पर रहने वाले पीएम रहे थे. जिस शख्‍स ने आबे को गोली मारी है, उसकी उम्र 40 वर्ष है. वह नारा सिटी का ही रहने वाला है. उसका नाम यामागामी बताया जा रहा है.

जापान में जल्द चुनाव होने वाले हैं, और इसी के मद्देनजर शिंजो लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के चुनाव अभियान के लिए भाषण दे रहे थे. जापान जैसे शांत देश में ऐसे प्रसिद्ध राजनेता के ऊपर हुए हमले ने दुनिया को ही नहीं बल्कि जापान के आम लोगों को भी सकते में डाल दिया है. शिंजो आबे पहली बार वह 2006 में पीएम बने थे लेकिन एक साल में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. वह 2012 से 2020 तक जापान के प्रधानमंत्री रहे. साल 2020 में बीमारी के चलते उन्‍होंने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था.

जापान ने बंदूक रखने को लेकर सख्त नियम बनाए हैं, इतनी पाबंदी और सख्ती के बाद किसी राजनेता को सरेआम मार देना कई सवाल खड़े करती है. इस लेख में हम आपको जापान की पॉलिटिकल किलिंग और गन कल्चर के बारे में बताने जा रहे हैं. 

क्या कहता है जापान का गन कल्चर कानून

जापान में आम लोगों को हैंडगन रखने की इजाजत नहीं है, लाइसेंस हटर्स केवल राइफल रख सकते हैं. गन रखने वालों को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा उन्हें लिखित परीक्षा पास करनी होती है. मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और पृष्ठभूमि की जांच के बाद ही किसी को गन रखने की अनुमति मिलती है. करीब 13 करोड़ की आबादी वाले जापान में बेहद कम लोगों के पास ही हथियार हैं. शांत देश होने के कारण बेहद कम संख्या में ही जैपनीज लोग आत्मरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस लेते हैं.

जापान में गोलीबारी की घटनाएं न के बराबर

जापान में ज्यादातर गोलीबारी की घटनाओं में आम तौर पर अवैध हथियारों का उपयोग करने वाले "याकूज़ा" गैंगस्टर शामिल होते हैं. पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2021 में 10 शूटिंग की घटनाएं हुईं, जिनमें से आठ को इन्हीं गैंगस्टर्स ने अंजाम दिया. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और चार लोग घायल हुए थे.

नेवी के निशाने पर क्यों हैं जापान के राजनेता

जापान में करीब 90 साल पहले किसी हाई प्रोफाइल हत्या को अंजाम दिया गया था. 1932 में जापान के प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी की हत्या की गई थी. यह तख़्तापलट की साजिश थी जो नाकाम साबित हुई थी. उस वक्त नेवी के 11 अधिकारियों ने मिलकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी को मौत के घाट उतार दिया था. दरअसल सुयोशी की सरकार ने लंदन नेवी के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत इंपीरियरल जापानी नेवी का आकार सीमित किया जान था. इस समझौते से नाराज 11 नेवी के अफसरों ने 15 मई 1932 को इनुकाई सुयोशी के घर में घुसकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया, शिंजो को भी जिस शख्स ने गोली मारी है वह पूर्व नेवी अफसर रह चुका है.

इसके अलावा 2007 में नागासाकी के मेयर की एक गैंगस्टर द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद जापान में बंदूक के नियम और कड़े कर दिए गए थे.

 

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