Sri Lanka Economic Crisis: महंगाई ने तोड़ी श्रीलंका के लोगों की कमर, अनाज, दाल और तेल की कीमतें सातवें आसमान पर

श्रीलंका का महंगाई से बुरा हाल है और आम लोगों के घर का नहीं बल्कि जिंदगी का बजट बिगड़ गया है. रोजमर्रा की चीजों जैसे दाल, चावल के दाम भी तीन गुना बढ़ गए हैं.

Sri Lanka Economic Crisis
आशुतोष मिश्रा
  • कोलंबो,
  • 04 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST
  • श्रीलंका में सातवें आसमान पर मंहगाई
  • लोगों का हुआ बुरा हाल

श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच राजनीतिक संकट भी गहराता जा रहा है. क्योंकि बीती रात सरकार के कैबिनेट के पूरे मंत्रिमंडल ने अपना इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में, राष्ट्रपति ने सभी विपक्षी दलों को कैबिनेट में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है. 

वही सेंट्रल बैंक ऑफ़ श्रीलंका के गवर्नर ने भी इस्तीफा दे दिया. बीती रात को प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे और राष्ट्रपति घटाया राजपक्षे के बीच अहम बैठक हुई. श्रीलंका में कर्फ्यू हटाया गया है लेकिन आपातकाल अभी भी लागू है. कर्फ्यू हटने के बाद सड़कों पर चहल-पहल लौट आई है. पर आर्थिक तंगी से परेशान लोग अब सीधे-सीधे सरकार का इस्तीफा मांग रहे हैं. 

सातवें आसमान पर मंहगाई

कोलंबो के इकनोमिक सेंटर में अनाज रिटेल और होलसेल में बिकता है. इतना ही नहीं पूरे श्रीलंका की राइस मिलों से चावल यहां आता है और साथ ही भारत पाकिस्तान जैसे देशों से आयात होने वाला चावल भी इस बाजार के जरिए ही लोगों के घरों तक पहुंचता है.  

पर तेल की किल्लत और किसानों को सही समय पर खाद न मिलने के कारण रिटेल और होलसेल मंडियों में भी अनाज की कीमत आसमान छू रही हैं. कोलंबो की मंडी में बासमती चावल की कीमतें ₹400 से लेकर ₹480 प्रति किलो हैं. जबकि श्रीलंका में उगने वाला चावल भी ₹200 से लेकर ₹300 प्रति किलो किलो की दर से बिक रहा है. 

तीन गुना बढ़े दाम

दुकानदार कहते हैं कि डीजल की कमी से ट्रांसपोर्टेशन पर फर्क पड़ा है. वहीं किसानों को सही समय पर रसायनिक खाद न मिलने से उत्पादन पर भी फर्क पड़ा है और चावल की कीमतें ज्यादा हो गई हैं. चावल के अलावा खाने के तेल की कीमतें भी आग लगा रही हैं. 

तीन गुनी बढ़ी कीमतें 

श्रीलंका में नारियल उगता है और नारियल का तेल यहां खाने में सबसे महत्वपूर्ण है. इसके बावजूद एक लीटर नारियल के तेल के लिए श्रीलंका वासियों को ₹900 चुकाने पड़ रहे हैं जबकि आर्थिक संकट के पहले इसी नारियल तेल की कीमत महज ₹350/ लीटर थी. 

नारियल श्रीलंका में सबसे प्रमुख उत्पादों में से एक है और आर्थिक संकट के पहले 30 से 40 रुपए में एक नारियल मिल जाता था. आज इसके लिए लोग 100 से ₹110 चुका रहे हैं. 

नारियल खरीदना मुश्किल

डीजल की किल्लत के चलते पूरी सप्लाई व्यवस्था की बर्बाद हो गई है. जिसके चलते कीमतों पर असर दिखाई दे रहा है. 250 ग्राम लहसुन की कीमत ₹180 है तो वही 500 ग्राम आलू की लिए 180 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं और 500 ग्राम प्याज के लिए ₹120 देने पड़ेंगे.   

बिगड़ा घर का बजट

चावल या तेल ही नहीं बल्कि किचन में अन्य जरूरत में काम आने वाली दूसरी खाद्यान्न वस्तुएं भी तीन गुना ज्यादा महंगी हो गई हैं. आपको बता दें कि चना ₹600 प्रति किलो तो मूंगफली ₹900 प्रति किलो है. 

आलू-प्याज तक नहीं है बजट में

अरहर की दाल भी ₹530 प्रति किलो हो गई है. एक किलो मूंग दाल की कीमत ₹1200 से भी ज्यादा है. सरकार की आर्थिक नीतियों का संकट जनता को झेलना पड़ रहा है. खाने पीने की चीजें महंगी हुई है तो घर का बजट बिगड़ गया है. और ऐसे में कम आमदनी वाले लोगों के सिर पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. 

 

 

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