एक महीने बाद श्रीलंका में फिर लागू हुई स्टेट इमरजेंसी, जानिए क्या होती है आपातकाल की स्थिति

Sri Lanka Emergency Updates: श्रीलंका इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. जिसके चलते वहां लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. श्रीलंका में इस वक्त महंगाई आसमान छू रही है. जिससे परेशान होकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं. जिसके बाद सरकार ने देश में स्टेट इमरजेंसी लागू कर दी है.

श्रीलंका में फिर लागू हुई स्टेट इमरजेंसी
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST
  • श्रीलंका में लगाई गई स्टेट इमरजेंसी
  • आजादी के बाद श्रीलंका का सबसे बड़ा आर्थिक संकट

श्रीलंका में सरकार के खिलाफ आम लोगों का विरोध प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके चलते राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने एक महीने बाद फिर इमरजेंसी (emergency in sri lanka) लगा दी है. जिसके बाद अब लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे. हैरत की बात ये है कि ये इमरजेंसी आधी रात से लागू कर दी गई है. 
दरअसल श्रीलंका में आर्थिक हालात बिगड़ने का कारण देश भर में महंगाई की मार के चलते लोग सड़कों पर उतर आए हैं. जिस कारण राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगा दी थी. हालांकि भारी विरोध प्रदर्शन के चलते पांच दिन बाद यानी 6 अप्रैल को इमरजेंसी हटा दी गई थी. आम तौर किसी भी देश में परिस्थितियों के आधार पर तीन तरह की इमरजेंसी लागू होती है. आइए हम आपको इमरजेंसी के बारे में विस्तार से बताते हैं.

क्या होती है आपातकाल की स्थिति?
आपातकाल या इमरजेंसी आम तौर पर दो तरह की लागू की जाती है. पहली राष्ट्रीय आपातकाल यानी नेशनल इमरजेंसी, दूसरी राष्ट्रपति शासन यानी स्टेट इमरजेंसी और तीसरी आर्थिक आपातकाल यानी इकोनॉमिक इमरजेंसी. जिसमें नेशनल इमरजेंसी तब लागू की जाती है जब किसी भी देश में युद्ध के हालात होते हैं. स्टेट इमरजेंसी तब लागू होती है जब किसी देश में लगातार प्रदर्शन या दंगों की स्थिति हो, इस इमरजेंसी में लोगों को घर से बाहर आने की अनुमति नहीं होती है. फिलहाल इस वक्त श्रीलंका में आर्थिक संकट से जूझ रहा है. आर्थिक इमरजेंसी उस वक्त लागू की जाती है, जब कोई देश किसी आर्थिक संकट आता है. श्रीलंका में आर्थिक इमरजेंसी के कारण लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. जिस कारण वो लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उस प्रदर्शन को रोकने के लिए श्रीलंका सरकार ने पूरे देश में स्टेट इमरजेंसी लागू कर दी है.  इससे पहले 1 महीने पहले यानी 6 अप्रैल को ये इमरजेंसी हटा दी गई थी, लेकिन अब विरोध प्रदर्शन के चलते दोबारा से इमरजेंसी लगा दी गई है. 

श्रीलंका में क्यों लगाई गई स्टेट इमरजेंसी
दरअसल इंटर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फेडरेशन (IUSF) के हजारों छात्र कार्यकर्ताओं ने गुरुवार से संसदीय परिसर के मेन एक्सेस रोड को ब्लॉक कर दिया था, और लगभग 24 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया था. उसके बाद इन छात्र एक्टिविस्ट ने संसद की घेराबंदी करने का भी ऐलान कर दिया था. जिसके बाद सरकार ने आधी रात को स्टेट इमरजेंसी की घोषणा कर दी. इस बीच, ट्रेड यूनियनों ने आर्थिक मंदी से निपटने में असमर्थता पर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनकी सरकार के इस्तीफे की मांग के लिए एक द्वीप-व्यापी हड़ताल शुरू की है.

क्या होती है स्टेट इमरजेंसी?
आपातकाल की स्थिति, राज्य के कानून के अनुसार, किसी प्राकृतिक या मानव निर्मित कारण से उत्पन्न होने वाली स्थिति या व्यापक या गंभीर क्षति, चोट या जीवन या संपत्ति के नुकसान के आसन्न खतरे के दौरान घोषित की जा सकती है. ऐसे में लोगों का उनके घरों से बाहर आना मुश्किल हो जाता है. कई बार ये स्टेट इमरजेंसी कई महीनों तक चलती है. जिस कारण लोगों को खाने तक की किल्लत हो जाती है. 

आजादी के बाद श्रीलंका का सबसे बड़ा आर्थिक संकट
1948 में अपनी आजादी के बाद श्रीलंका इस वक्त सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है.  जिस कारण उन्हें रोजमर्रा से जुड़ी चीजें भी नहीं मिल पा रही है. हर चीज कई गुना महंगी हो गई है. श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है, जिसके चलते वो जरूरी चीजों का आयात नहीं पा रहा है, और महंगाई आसमान छू रही है. 

इस मुश्किल में भारत दे रहा है श्रीलंका का साथ
इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए भारत भी श्रीलंका की मदद कर रहा है. क्रेडिट लाइनों और क्रेडिट स्वैप के तहत भारत जनवरी से अब तक करीब 23 हजार करोड़ रुपए की मदद कर चुका है.  यहां तक की तमिलनाडु सरकार ने भी श्रीलंका की मदद करने का प्रस्ताव रखा है. जिसके बाद तमिलनाडु श्रीलंका को खाना और जीवन रक्षक दवाएं भेजना चाहता है.


 

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