Steve Jobs’ handwritten letter auction: करोड़ों में नीलाम हुआ 19 साल के स्टीव जॉब्स का लिखा खत, जाहिर की थी कुंभ मेले में जाने की इच्छा

स्टीव मात्र 19 साल के थे और उन्होंने अपने बचपन के दोस्त टिम ब्राउन को एक खत लिखा. इस खत में उन्होंने महाकुंभ जाने की इच्छा जाहिर की.

Steve Jobs' handwritten ;etter (Photo: (Screenshots: bonhams.com/Wikipedia))
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 17 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:44 PM IST

दुनिया के जाने-माने बिजनेसमैन (स्वर्गीय) स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स की महाकुंभ यात्रा सोशल मीडिया से लेकर न्यूज मीडिया तक, हर जगह वायरल हो रही है. आपको बता दें कि न सिर्फ लॉरेन बल्कि उनके स्वर्गवासी पति, स्टीव जॉब्स भी अध्यात्म से प्रेरित थे. इसका अंदाजा साल 1974 में लिखे उनके एक खत से लगाया जा सकता है. उस समय स्टीव मात्र 19 साल के थे और उन्होंने अपने बचपन के दोस्त टिम ब्राउन को एक खत लिखा. इस खत में उन्होंने महाकुंभ जाने की इच्छा जाहिर की. 

सालों बाद, इस खत की नीलामी की गई और आपको जानकर हैरानी होगी कि यह खत 500,312 डॉलर यानी 4.32 करोड़ रुपये में बेचा गया है. अपने जन्मदिन से ठीक पहले पोस्ट किए गए पत्र में स्टीव जॉब्स ने कुंभ मेले में भाग लेने के अपने सपने के बारे में लिखा. उन्होंने लिखा, “मैं अप्रैल में शुरू होने वाले कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं. मैं मार्च में किसी समय चला जाऊंगा, अभी तक निश्चित नहीं हूँ." उन्होंने खत के अंत में लिखा, 'शांति, स्टीव जॉब्स.'

नीम करोली बाबा के आश्रम भी गए स्टीव 
जॉब्स की भारत यात्रा उन्हें उत्तराखंड में नीम करोली बाबा के आश्रम तक ले गई, हालांकि उनके वहां जाने से पहले ही नीम करोली बाबा का निधन हो चुका था. लेकिन स्टीव सात महीने तक कैंची धाम में रहकर भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में डूबे रहे. इस दौरान उनका सिर मुंडवाया गया था. वह सामान्य सूती कपड़े पहनते थे और क्लाइमेट में बदलाव के कारण उनकी स्किन पर धब्बे-धब्बे पड़ गए थे. लेकिन स्टीव सात महीने बाद अमेरिका लौटे. 

लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने उनकी आध्यात्मिक इच्छा पूरी की
इस बार प्रयागराज महाकुंभ यानी हर 12 साल में आयोजित होने वाले पूर्ण कुंभ की मेजबानी कर रहा है. इस साल, स्टीव की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स, प्रयागराज में महाकुंभ मेले में भाग लेकर भारत से उनके रिश्ते का सम्मान कर रही हैं. उनके आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें "कमला" नाम दिया है.

इस वर्ष, प्रयागराज महाकुंभ की मेजबानी कर रहा है, जिसे हर 12 साल में आयोजित होने वाले पूर्ण कुंभ के रूप में भी जाना जाता है. कुंभ मेला दुनिया में श्रद्धालुओं के सबसे बड़े जमावड़े में से एक है, जो लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, जो मानते हैं कि इस पवित्र समय के दौरान नदियों में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और आध्यात्मिक पुण्य मिलता है.

 

Read more!

RECOMMENDED