पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली यानी पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर डिप्टी स्पीकर के फैसले को गलत ठहराया है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने एकमत से यह फैसला दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली फिर से बहाल हो गई है. अविश्वास प्रस्ताव पर अब 9 अप्रैल को वोटिंग होगी. कोर्ट ने असेंबली के सभी सदस्यों को वोटिंग में हिस्सा लेने को कहा है. इमरान खान ने कहा है कि वो संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने समय पूर्व चुनाव कराने के नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर दोबारा वोटिंग होगी. अदालत ने यह भी कहा है कि अगर इमरान अविश्वास प्रस्ताव हार जाते हैं तो विपक्ष पाकिस्तान के लिए नए पीएम का चुनाव करेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्ष के नेताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. कोर्ट के बाहर 'गो नियाजी गो' के नारे भी लगे.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीते 8 मार्च को इमरान खान की सरकार के खिलाफ पाकिस्तान की संसद में विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था. इस अविश्वास प्रस्ताव पर बीते 3 अप्रैल को वोटिंग होनी थी. लेकिन मतदान से पहले ही अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. इसके बाद इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया. इमरान खान ने पाकिस्तान में मध्यावधि चुनाव कराए जाने की भी सिफारिश कर दी. सरकार के इन फैसलों का विरोध करते हुए विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस तरह पाकिस्तान में संसद भंग किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की अगुवाई में 5 सदस्यीय टीम ने इस मामले की सुनवाई की.