इस मुल्क में घर आए मेहमानों को खाने के लिए नहीं पूछते? जानिए क्या है सच्चाई

#Swedengate विवाद की शुरुआत रेडिट फोरम r/AskReddit से हुई जहां एक यूजर ने एक परंपरा पर सवाल करते हुए लिखा, "किसी और के घर पर उनकी संस्कृति / धर्म के कारण आपको सबसे अजीब चीज क्या करनी पड़ी?" इसके बाद से लोग अपना अनुभव शेयर करने लगे.

#Swedengate (Representative Image / Unsplash)
सुरभि शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST
  • ऑनलाइन छिड़ी बहस
  • मेहमानों को नहीं पूछते खाना

एक तरफ जहां भारत देश में आज भी 'अतिथि देवो भव' की परंपरा है. वहीं दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां इन सब का कोई अर्थ नहीं है. भारत में मेहमान को भगवान की तरह पूजा जाता है ताकि वो घर से खुश होकर जाए और उसकी सेवा में कोई कमी न रहे. दुनिया के सबसे खुशहाल और न्यायसंगत देशों में से एक स्वीडन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. सोशल मीडिया पर लोग स्वीडन की परंपरा को लेकर उसे ट्रोल कर रहे हैं. इस वजह से काफी समय से सोशल मीडिया पर #Swedengate ट्रेंड कर रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स स्वीडिश परंपरा की जमकर आलोचना कर रहे हैं जिसमें कुछ विशेष स्थितियों में मेहमानों और खासकर बच्चों को खाना नहीं दिया जाता है. 

इस ट्रेंड 'स्वीडनगेट' को लेकर ऑनलाइन एक तरह की बहस सी छिड़ गई है और कई यूजर्स स्वीडिश घरों में झेले गए अपने निजी अनुभव को शेयर करते नजर आए. वहीं कुछ स्वेड्स (Swedes)इस प्रथा का बचाव करते और इसके पीछे के तर्क को समझाते नजर आए. इसके बाद लोगों ने साम्राज्यवाद, नस्लवाद और स्वीडन के औपनिवेशिक अतीत के बारे में सवाल उठाना शुरू कर दिया.

कहां से शुरू हुई बहस?
इस विवाद की शुरुआत रेडिट फोरम r/AskReddit से हुई जहां एक यूजर ने एक परंपरा पर सवाल करते हुए लिखा, "किसी और के घर पर उनकी संस्कृति / धर्म के कारण आपको सबसे अजीब चीज क्या करनी पड़ी?" इसके बाद से लोग अपना अनुभव शेयर करने लगे. एक यूजर ने अपना अनुभव शेयर करते हुए लिखा कि एक बार वो अपने किसी स्वीडिश फ्रेंड के घर गया था, इस दौरान रूम में खेलते हुए उसकी मां ने अवाज दी कि डिनर रेडी है. इस पर मेरे दोस्त ने मुझे इंतजार करने के लिए कहा ताकि वो खाना खाकर आ जाए.

इसके बाद ट्विटर पर स्वीडन और अन्य देशों में आतिथि के स्वागत और वहां की सांस्कृतिक प्रथाओं को लेकर बहस सी छिड़ गई और लोग वहां की परंपरा पर सवाल उठाने लगे. 

Swedes का इसपर क्या कहना था?
कई स्वेड्स इस प्रथा के बचाव में उतर आए और इस बात पर तर्क देने लगे कि ऐसा कुछ भी नहीं है, स्वीडिश लोग मेहमानों और बच्चों का स्वागत करते हैं. डिबेट छिड़ने के बाद कुछ यूजर्स स्वीडन के सपोर्ट में आए. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "स्वीडिश केवल अपने परिवारवालों के लिए ही खाना बनाते हैं. वो भी बहुत नाप के. हमें मेहमानों से कोई ऐतराज नहीं है, बस हमें पहले से बता दें. हम और खाना तैयार कर देंगे. स्वीडन में यह माना जाता है कि आप अपने किसी मित्र के यहां बिना पहले से बताए नहीं खाएंगे इसलिए इसमें कोई बड़ी बात नहीं है."

वहीं 'LoverofGeography'नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर ने एक नक्शा शेयर किया जो कथित तौर पर इस बात को दर्शा रहा था किस यूरोपीय देश में मेहमानों का स्वागत खाना खिलाकर किया जाता है. 


 

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