स्विट्जरलैंड में Suicide Capsule की मदद से लोग दे रहे अपनी जान... देश में असिस्टेट सुसाइड है लीगल पर यूथेनेसिया गैरकानूनी, जानिए पूरा विवाद

हाल के सालों में, असिस्टेड सुसाइड कितनी सही या गलत बहस का विषय बन गई है. स्विट्ज़रलैंड के इस पूरे मामले ने असिस्टेड सुसाइड और इच्छामृत्यु को लेकर बड़ी चर्चा छेड़ दी है. जबकि स्विट्जरलैंड में असिस्टेड सुसाइड कुछ शर्तों के तहत वैध है, इच्छामृत्यु वहां अवैध है

Suicide Capsule (Image:GettyImages)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST
  • वैध और अवैध को लेकर बहस जारी है
  • सुसाइड कैप्सूल में है मौत का बटन

सुसाइड हमेशा से एक सेंसिटिव मुद्दा रहा है. स्विट्जरलैंड में पुलिस ने जर्मनी की सीमा के पास से इसी मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इसका कारण था एक 64 साल की अमेरिकी महिला की मृत्यु. हालांकि, ये मामला सुसाइड का था. लेकिन ये सुसाइड एक "सुसाइड पॉड" में हुई, जिसे डॉ. फिलिप निट्स्चके ने बनाया था. 

इस सुसाइड पॉड को सारको पॉड (Sarco Pod) के नाम से जाना जाता है. इस कैप्सूल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि लोग बिना किसी मेडिकल प्रोफेशनल की मदद के शांति से अपने जीवन को खत्म कर सकते हैं. लेकिन इस घटना ने बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया है. बता दें, इस तरह की सुसाइड को असिस्टेड सुसाइड कहा जाता है. स्विट्जरलैंड में कुछ शर्तों के तहत इसे लेकर कानून है, लेकिन ज्यादातर देशों में ये प्रतिबंधित है. 

हाल के सालों में, असिस्टेड सुसाइड (Assisted Suicide) कितनी सही या गलत बहस का विषय बन गई है. स्विट्ज़रलैंड के इस पूरे मामले ने असिस्टेड सुसाइड और इच्छामृत्यु (Euthanasia) को लेकर बड़ी चर्चा छेड़ दी है. जबकि स्विट्जरलैंड में असिस्टेड सुसाइड कुछ शर्तों के तहत वैध है, इच्छामृत्यु वहां अवैध है. 

स्विट्जरलैंड में असिस्टेड सुसाइड का कानूनी ढांचा
स्विट्जरलैंड असिस्टेड सुसाइड के अपने अनूठे कानून के वजह जाना जाता है. स्विस कानून के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को निस्वार्थ उद्देश्यों से आत्महत्या करने में मदद की जाती है, तो इसे अपराध नहीं माना जाता. 1918 में लागू किए गए स्विस दंड संहिता (Swiss Penal Code) के अनुच्छेद 115 के तहत, आत्महत्या में मदद करना तभी अवैध है जब इसका इरादा स्वार्थी हो.

दूसरे देशों के विपरीत, जहां मेडिकल प्रोफेशनल की देखरेख जरूरी होती है, स्विट्जरलैंड में डॉक्टर की भागीदारी अनिवार्य नहीं है. यही ढांचा स्विट्जरलैंड को नीदरलैंड, बेल्जियम, और कुछ अमेरिकी देशों से अलग करता है. ज्यादातर देशों में डॉक्टर की सहायता (Physician-Assisted Suicide) के बिना सुसाइड गैरकानूनी है. 

फोटो- गेटी इमेज

वैध और अवैध को लेकर बहस जारी है
स्विस कानून का एक लंबा इतिहास है. इसके मुताबिक इसे अपराध नहीं माना जाना चाहिए. वर्षों से, इसने डिग्निटास (Dignitas) और एग्जिट (Exit) जैसे संगठनों को सुसाइड सर्विस देने की अनुमति दी है. हर साल अनुमानित 300 से 400 असिस्टेड सुसाइड होती हैं, और ये सर्विस उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प हैं जो किसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित होते हैं.

हालांकि, इच्छामृत्यु, स्विट्जरलैंड में अवैध है. स्विस कानून इन दोनों के बीच के अंतर को बताता है. असिस्टेड सुसाइड में किसी व्यक्ति को उनके जीवन का खत्म करने के लिए साधन दिया जाता है, जबकि इच्छामृत्यु आमतौर पर मेडिकल प्रोफेशनल के हस्तक्षेप के बिना नहीं हो सकती है. दोनों में फर्क ये है कि सुसाइड में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी है या नहीं. असिस्टेड सुसाइड में व्यक्ति अपना खुद का आखिरी फैसला लेता है. जबकि इच्छामृत्यु में कोई और—आमतौर पर एक डॉक्टर—प्रत्यक्ष रूप से कुछ उपाय करते हैं और व्यक्ति की जिंदगी खत्म करते हैं. 

फोटो- गेटी इमेज

बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग में इच्छामृत्यु सख्त शर्तों के तहत वैध है. इसमें यह शर्त होती है कि रोगी असहनीय दर्द से गुजर रहा हो और कोई सुधार की संभावना न हो. मेडिकल प्रोफेशनल को कानूनी रूप से जानलेवा इंजेक्शन देने की अनुमति होती है, लेकिन इसमें रोगी से बार-बार सहमति ली जाती है. वहीं अमेरिका में, ओरेगन, वाशिंगटन और कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में फिजिशियन असिस्टेड सुसाइड (Physician-Assisted Suicide) को वैध किया गया है, लेकिन इच्छामृत्यु की अनुमति नहीं है. डॉक्टर जीवन समाप्त करने वाली दवाओं का प्रिस्क्रिप्शन दे सकते हैं, लेकिन रोगी को खुद दवा लेनी होती है.

सुसाइड कैप्सूल में है मौत का बटन
सारको पॉड के आने से असिस्टेड सुसाइड को लेकर बहस शुरू हो गई है. इसमें सुसाइड करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति, या मेडिकल प्रोफेशनल की जरूरत नहीं पड़ती. यह पॉड हाइपोक्सिया (hypoxia) नामक एक स्थिति पैदा करके काम करता है. इसमें शरीर से ऑक्सीजन खत्म कर दी जाती है, जिससे व्यक्ति होश खो देता है और कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो जाती है. इस डिवाइस को अंदर बैठा व्यक्ति बटन या यहां तक कि वॉयस-एक्टिवेटेड कमांड्स से शुरू कर सकता है. 

आखिरकार, क्या किसी व्यक्ति को अपनी जिंदगी खत्म करने का अधिकार है और किन परिस्थितियों में, यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका हर समाज को अपने तरीकों से सामना करना होगा. जैसे-जैसे बहस जारी है, यह स्पष्ट है कि इसका कोई आसान सा जवाब नहीं है. 


 

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