तालिबानी नेता Sheikh Rahimullah Haqqani की हत्या, जानिए तालिबानी विचारधारा के कट्टर समर्थक की कहानी

Taliban का टॉप कमांडर शेख रहीमुल्लाह हक्कानी एक हमले में मारा गया. हक्कानी अफगानिस्तान का ही रहने वाला था. लेकिन उसकी पढ़ाई-लिखाई Pakistan में हुई थी. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से भी उसके संबंध थे.

तालिबान के कमांडर शेख रहीमुल्लाह हक्कानी की हत्या
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST
  • तालिबान के कमांडर रहीमुल्लाह हक्कानी की हत्या
  • अफगानिस्तान के काबुल में की गई हत्या

अफगानिस्तान में तालिबान को बड़ा झटका लगा है. तालिबान के टॉप कमांडर रहीमुल्लाह हक्कानी की हत्या कर दी गई है. राजधानी काबुल में मदरसे में हक्कानी पर हमला किया गया और मौत के घाट उतार दिया गया. हक्कानी तालिबान के आतंकी विचारधारा का कट्टर समर्थक था. रहीमुल्लाह हक्कानी अफगानिस्तान के प्रभावशाली धार्मिक शख्सियतों में से एक माना जाता था. बताया जा रहा है कि हमलावर ने खुद को उड़ा लिया. जिसमें रहीमुल्लाह के साथ कई गार्ड भी मारे गए.

कैसे मारा गया रहीमुल्लाह हक्कानी-
बताया जा रहा है कि हमलावर का एक पैर नहीं था. हमलावर ने अपने कृत्रिम पैर में विस्फोटक छिपाया था. तालिबान इस बार की जांच कर रहा है कि आखिर हमलावर कौन था और उसने हक्कानी के ऑफिस में घुसने के लिए किसकी मदद ली थी.

हक्कानी पर पहले भी हो चुका था हमला-
कमांडर रहीमुल्लाह हक्कानी पर पहले भी कई बार हमला हो चुका है. इससे पहले अक्टूबर 2020 में रहीमुल्लाह पर हमला हुआ था. जिसमें हक्कानी बुरी तरह से जख्मी हो गया था. पेशावर में हक्कानी पर बम से हमला हुआ था. उस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी. इससे पहले साल 2013 में भी पेशावर में हक्कानी को निशाना बनाया गया था. उस दौरान हक्कानी के काफिले पर हमलावरों से फायरिंग की थी. हमले के बाद हमलावर फरार हो गए थे. हालांकि उस हमले में हक्कानी बाल-बाल बच गए थे. लेकिन इस बार हमले में वो मारा गया.

कौन था शेख रहीमुल्लाह हक्कानी-
शेख हक्कानी पाकिस्तान सीमा के पास नंगरहार प्रांत के पचिर अव आगम जिले का रहने वाला था. हक्कानी ने अपनी धार्मिक शिक्षा पाकिस्तान के स्वाबी और अकोरा खट्टक के देवबंदी मदरसों से हासिल की थी. रहीमुल्लाह ने दारूल उलूम हक्कानिया से बढ़ाई की थी. रहीमुल्लाह कभी नंगरहार प्रांत में तालिबान सैन्य आयोग के सदस्य के तौर पर काम करता था. रहीमुल्लाह हक्कानी को एक बार अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों ने बंदी बनाया था. बताया जा रहा है कि हक्कानी पिछले 9 साल से पाकिस्तान में रह रहा था. हक्कानी ने मदरसा जुबेरी की स्थापना की थी, जिसमें सैकड़ों छात्र हैं. इस मदरसे के जरिए तालिबान के लिए पैसा इकट्ठा किया जाता है. हक्कानी का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी संबंध थे. हक्कानी के सोशल मीडिया पर लाखों समर्थक थे. 

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