आए दिन हमें एक्सीडेंटल फायरिंग को लेकर खबरें मिलती रहती हैं. लेकिन, इससे जुड़ा कोई भी इन्वेंशन ऐसी हिंसक घटनाओं को कम करने में मदद कर सकता है. ब्रूमफील्ड स्थित एक कंपनी, बायोफायर ने बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन वाली 'स्मार्ट गन' बनाई है. इस गन से केवल ऑथोराइज लोगों को ही फायर करने की अनुमति होगी. इसकी बिक्री की भी घोषणा कर दी गई है.
स्मार्ट गन करेगी एक्सीडेंटल फायरिंग को कम
दरअसल, कुछ समय पहले अमेरिका में एक्सीडेंटल फायरिंग के कारण कई बच्चों की मृत्यु हो गई थी. इसी को कम करने के लिए बायोफायर के संस्थापक काई क्लोएफर (Kai Kloepfer) ने ऐसी बायोमेट्रिक गन लॉन्च करने का मन बनाया. हालांकि, स्मार्ट गन को लेकर काफी असहमति और बहस हुई है, यही कारण है कि ये अब तक व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं.
Kai Kloepfer के मुताबिक, इस स्मार्ट गन को बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है. ऐसे व्यक्तियों को ढूंढना आम नहीं है जिनके पास बैलिस्टिक और बायोमेट्रिक्स दोनों की व्यापक समझ है. हाल के दिनों में, स्मार्ट गन बनाने के कुछ प्रयास कमजोर रहे हैं. इसमें मौजूदा हथियार में कुछ सेंसर जोड़ना शामिल है.
बायोफायर स्मार्ट गन कैसे अलग है?
बायोफायर की स्मार्ट गन अपने आइडेंटिफिकेशन सिस्टम की वजह से औरों से अलग है. इसमें आइडेंटिफिकेशन सिस्टम, फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान (facial recognition) का इस्तेमाल किया जाता है. ये इस गन से फायरिंग करने का पूरा पोर्सेस है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्लोएफर 15 साल की उम्र से ही अपने स्मार्ट गन पर काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं स्कूली साइंस फेयर और ग्रांट प्रोग्राम में भी शुरुआती प्रोटोटाइप जमा कर चुके हैं. उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करते हुए भी अपने स्मार्ट गन के डिजाइन पर काम करना नहीं छोड़ा.
क्लोएफर ने द पोस्ट को बताया, "हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि बायोफायर स्मार्ट गन सभी एक्सीडेंटल फायरिंग को रोक पाएगी. लेकिन हमें विश्वास है कि यह कई सारी दुर्घटनाओं को जरूर कम करेगी. जिससे कई जान बचाई जा सकती है.”