Carbon-neutral Textiles: दो बहनों ने शुरू किया अनोखा स्टार्टअप, हवा से बना रही हैं टेक्सटाइल

दो जुड़वां बहनों का एक अमेरिकी स्टार्टअप, Rubi Laboratories कार्बन-न्यूट्रल टेक्सटाइल बना रहा है और इस के लिए उन्होंने अपनी खुद की तकनीक विकसित की है.

Founders of Rubi Labs (Photo: Twitter/Rubi Labs)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 19 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST
  • दोनों बहनों को पेड़ों और प्रकृति से बहुत प्यार है
  • दोनों बहनें मिलकर कार्बन-निगेटिव टेक्सटाइल्स बना रही हैं

फैशन इंडस्ट्री दुनिया के कार्बन उत्सर्जन में 10 प्रतिशत का योगदान करती है. और इस कारण यह दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी कार्बन कॉन्ट्रीब्यूटर इंडस्ट्री है. इसलिए बहुत से फैब्रिक ब्रांड क्रिएटिव तरीकों से अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. 

और इन ब्रांड्स में से एक है- Rubi Labs यानी रूबी लेबोरेटरीज, एक अमेरिकी स्टार्टअप, जिसकी स्थापना दो जुड़वां बहनों, नीका और लैला मशौफ ने की है. अपने स्टार्टअप के जरिए ये दोनों बहनें कुछ ऐसा कर रही हैं जो अपने आप में बहुत इनोवेटिव है. 

छोटी उम्र से शुरू किया काम 
उत्तरी कैलिफोर्निया के रेडवुड जंगलों और कोस्टल इलाकों में पली-बढ़ीं, इन दोनों बहनों को पेड़ों और प्रकृति से प्यार है. उनके इसी प्यार ने उन्हें कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं. उन्होंने 15 साल की छोटी उम्र में वैज्ञानिक रिसर्च में अपना करियर शुरू कर दिया था. और उनके प्रकृति और विज्ञान के प्रति प्यार का नतीजा है कि आज दोनों बहनें मिलकर कार्बन-निगेटिव टेक्सटाइल्स बना रही हैं. 

सबसे दिलचस्प बात यह है कि दोनों बहने हवा से यह टैक्सटाइल बना रही हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि नीका और लैला कार्बन डाई ऑक्साइड का इस्तेमाल करके टैक्सटाइल बना रही हैं. इन दोनों बहनों ने कार्बन उत्सर्जन को स्वाभाविक रूप से बायोडिग्रेडेबल कंटेंट में परिवर्तित करने का एक तरीका खोज लिया है जिसे विस्कोस या रेयॉन भी कहा जाता है जो दुनिया का तीसरा सबसे लोकप्रिय कपड़ा है. 

क्या है तरीका
रूबी लैब्स ने एक विशेष प्रक्रिया विकसित की है जो अपने स्वयं के एंजाइम सिस्टम का उपयोग करके मैन्यूफैक्चरिंग वेस्ट स्ट्रीम से CO2 को पकड़ती है. फिर, वे उस गैस को सेल्युलोज पल्प नामक पदार्थ में परिवर्तित करते हैं, जिसका उपयोग यार्न या फइबर बनाने के लिए किया जा सकता है, जिससे कपड़ा बनता है. 

आम तौर पर, विस्कोस (रेयॉन के रूप में भी जाना जाता है) लकड़ी के गूदे से बनाया जाता है, जिसमें पेड़ों को काटना शामिल होता है. लेकिन रूबी लैब्स के इनोवेशन के साथ, किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाने की कोई जरूरत नहीं है. वे कपड़े बना सकते हैं जो 100% कार्बन उत्सर्जन से प्राप्त होते हैं, और सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए बहुत कम पानी या जमीन की आवश्यकता होती है. इतना ही नहीं, उनकी प्रक्रिया से जीरो वेस्टेज होता है और जब ये कपड़े अपनी लाइफसायकिल पूरी कर लेते हैं तो ये बायोडिग्रेडेबल होते हैं. 

इस स्टार्टअप का विजन एक ऐसी प्लेटफॉर्म तकनीक तैयार करना है, जिसे टैक्सटाइल के अलावा दूसरे बिल्डिंग मैटेरियल, पैकेजिंग, भोजन और अन्य चीजों के उत्पादन के लिए लागू किया जा सके. यह एक ऐसी दुनिया देखता है जहां डेवलपमेंट और इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए कार्बन एमिशन जीरो हो और यह हमारे घर यानी पृथ्वी को बर्बाद न करें. 

 

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