Restaurant of Mistaken Orders: एकदम अनोखा है जापान का यह कैफे, आपको मिल सकता है गलत ऑर्डर, फिर भी यहां सिर्फ हंसते हैं लोग

जापान में Restaurant of Mistaken Orders जानबूझकर ऑर्डर और डिलीवरी दोनों में गलतियां करने की अनुमति देता है. जो चीज इसे अलग करती है वह है यहां का प्यारा स्टाफ.

Restaurant of Mistaken Orders changing norms (Photo: http://www.mistakenorders.com/en/home.html))
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 08 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:57 AM IST
  • बहुत अलग है इस रेस्तरां का चार्म
  • लोगों को मिल रहा है साहस

जापान तेजी से बढ़ती उम्र की आबादी के साथ संघर्ष कर रहा है. इस बीच एक अनुमान है कि साल 2025 तक हर पांच में से एक व्यक्ति को मनोभ्रंश (Dementia) हो सकता है. लेकिन एक अनोखा सोशल एक्सपेरिमेंट इन अवधारणाओं को चैलेंज करके सहानुभुति को बढ़ाने का काम कर रहा है. दरअसल, जापान के टोक्यो में "Restaurant of Mistaken Orders" है जहां जानबूझकर ऑर्डर और डिलीवरी में गलती की जाती हैं. इस रेस्टोरेंट को अलग करने वाली बात यह है कि यहां के वेटर स्टाफ में अलग-अलग स्तर की संज्ञानात्मक नुकसान (Cognitive Impairment) वाले व्यक्ति शामिल होते हैं. 

कई व्यक्तियों के सहयोग से सक्षम, "रेस्तरां ऑफ मिस्टेकन ऑर्डर्स" गलतियों को अपने चार्म के रूप में स्वीकार करता है. यहां आने वाले ग्राहकों को एक वृद्ध महिला मिल सकती है जो उन्हें एक टेबल तक ले जाती है और फिर उनके साथ बैठ जाती है. एक दूसरी महिला स्ट्रॉ के साथ गर्म कॉफी परोस देती है. कोई और महिला गलत तरीके से काली मिर्च पाउडर स्प्रिंकल करने की कोशिश करती है. ऐसे में, लोग खुद मदद के लिए आगे आते हैं, और काम के सही होने पर सब हंसने लगते हैं कि हमने कर दिखाया.  

बहुत अलग है इस रेस्तरां का चार्म
इस रेस्तरां के क्रिएटर, शिरो ओगुनी कहते हैं कि यह रेस्तरां बिना किसी गलती के काम करने के बारे में नहीं है. इसका आकर्षण बहुत अलग है. जापान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट ने ओगुनी के हवाले से कहा, "यहां महत्वपूर्ण बात उन लोगों के साथ बातचीत करना है जिन्हें डिमेंशिया है. " उन्होंने आगे कहा कि हर किसी की तरह, डिमेंशिया के बारे में उनके शुरुआकी ख्याल भी ज्यादा अच्छे नहीं थे क्योंकि सबकी तरह वे भी उन्हें भूलने वाले और इधर-उधर भटकने वाले लोगों क रूप में देखते थे. 

हालांकि, समय के साथ ओगुनी का दृष्टिकोण बदला. उन्होंने देखा कि मनोभ्रंश से पीड़ित व्यक्ति स्वतंत्र रूप से अपने रोजमर्रा के कार्य कर सकते हैं, बस कभी-कभी वे अपना काम से भटक जाते हैं. और यहां से उनकी एक अलग जर्नी शुरू हुई. जब उन्होंने यह रेस्तरां शुरू किया तो उन्हें पता था कि उन्हें आलोचना मिल सकती है. लेकिन उनकी एक्सपेरिमेंट काम कर गया और अब इस रेस्तरां मे आपको सिर्फ हसी सुनाई देगी. 

लोगों को मिल रहा है साहस
मनोभ्रंश से पीड़ित स्टाफ की वास्तविक खुशी और दृढ़ संकल्प को देखने वाले मेहमान अक्सर साहस की एक नई भावना के साथ यहां से जाते हैं या कई बार उनकी आँखों में आंसू भी आ जाते हैं. यहां के स्टाफ को भी लगता है कि वे अभी भी सक्षम हैं. इससे उन्हें आत्मविश्वास मिला. इस सोच के साथ ओगुनी ने कई स्टीरियोटाइप्स को चैलेंज किया है. उनका दावा है कि मनोभ्रंश किसी व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकता है बल्कि उनकी पूरी पहचान का सिर्फ एक हिस्सा है. अपने देश के "कूल जापान" कॉन्सेप्ट के सामने उन्होंने 'वार्म जापान' के सिद्धांत को खड़ा किया है, जो गर्मजोशी और करुणा पर जोर देता है. 

 

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