US Presidential Election 2024: Israel, Russia-Ukraine War का भी हो गया जिक्र.... Kamala Harris और Donald Trump की डिबेट में हुईं ये मुख्य बातें

US Presidential Election Debate 2024: राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई डिबेट में क्या-क्या हुआ, यहां जानिए.

कमला डेमोक्रेटिक पार्टी की और ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं. (Photo/AP)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST
  • पेन्सिलवेनिया में हुई ट्रम्प-कमला की डिबेट
  • अर्थव्यवस्था से लेकर हेल्थकेयर पर हुए वार-पलटवार

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्य के फिलाडेल्फिया शहर में मंगलवार रात राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प (Kamala Harris vs Donald Trump) बहुप्रतीक्षित प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए आमने-सामने आए. इस डिबेट में किन मुद्दों पर बहस हुई और किस उम्मीदवार ने क्या कहा, उसे इन प्वॉइंट्स में समझिए.

अर्थव्यवस्था की हुई तुलना
यह डिबेट अर्थव्यवस्था के मुद्दे से शुरू हुई. जब कमला हैरिस से सवाल किया गया कि क्या उनके अनुसार अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस समय ट्रम्प कार्यकाल से अच्छी है, तो उन्होंने अपने आप को एक 'मिडल क्लास परिवार' से आने वाली महिला बताते हुए बाइडेन सरकार की कुछ नीतियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वह अमेरिका के गरीब और मिडल क्लास लोगों के लिए एक 'अवसरों वाली अर्थव्यवस्था' (Opportunity Economy) बनाना चाहती हैं. जहां नए माता-पिताओं को टैक्स से राहत देने और छोटे व्यवसायों को सहायता देने जैसी योजनाएं पेश की जाएंगी.

दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि पिछले चार सालों में अमेरिका ने रिकॉर्ड महंगाई देखी है और लोग बुनियादी जरूरत की चीजें खरीदने में भी संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "महंगाई की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता रही है. यह देशों को तोड़ने के लिए जिम्मेदार रहा है." 

कमला ने ट्रम्प पर आरोप लगाया कि वह अरबपतियों और बड़ी कंपनियों की टैक्स कटौती के जरिए मदद करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रम्प के कार्यकाल में अमेरिका रिकॉर्ड बेरोजगारी से जूझ रहा था.

ट्रम्प ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा, "सब जानते हैं कि मैं टैक्स में बड़ी कटौती करने वाला हूं और एक शानदार अर्थव्यवस्था बनाने वाला हूं."

इमिग्रेशन पर तू-तू मैं-मैं
इमिग्रेशन-विरोधी नीतियों को अपने चुनाव प्रचार का आधार बनाने वाले ट्रम्प ने यहां भी अमेरिका में शरणार्थियों के आगमन का विरोध किया. उन्होंने कहा, "इमिग्रेंट (Immigration) भारत आ रहे हैं और हमारी नौकरीं ले रहे हैं." उन्होंने कई मौकों पर देश में इमिग्रेशन का जिक्र किया. उन्होंने दावा किया कि दूसरे देश अपनी 'जेलों और पागलखानों' से लोगों को अमेरिका भेज रहे हैं. 

ट्रम्प ने ओहायो राज्य के स्प्रिंगफील्ड शहर का जिक्र करते हुए एक बेबुनियाद दावे का भी जिक्र किया, जिसके अनुसार हैती से आए अश्वेत इमिग्रेंट शहर के 'कुत्तों, बिल्लियों और बत्तखों' को खा रहे हैं. उन्होंने कहा, "वे कुत्तों को खा रहे हैं. जो लोग बाहर से आए हैं, वो ओहायो में हमारी बिल्लियां खा रहे हैं." अमेरिकी फैक्ट चेक वेबसाइट पोलिटीफैक्ट के अनुसार, ओहायो में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है. 

कमला ने ट्रम्प पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी पार्टी ने फरवरी में पेश किए गए बॉर्डर सिक्योरिटी बिल का विरोध किया था. यह बिल रिपब्लिकन पार्टी के विरोध के कारण दो बार संसद में पास नहीं हो पाया था. ट्रम्प ने बिल को लेकर कहा था, "कोई बेवकूफ या कट्टर चरमपंथी डेमोक्रेट ही इस बिल का समर्थन करेगा."

इसराइल पर क्या हुई बात?
दोनों नेताओं ने इसराइल को लेकर अपना समर्थन जाहिर किया. हालांकि गज़ा में इसराइल की मौजूदा कार्यवाही पर सवाल भी उठे. 

कमला ने यह स्वीकार किया कि गज़ा में कई 'बेगुनाह फलस्तीनी' मारे जा चुके हैं और इस समय युद्ध रोका जाना बेहद जरूरी है. हालांकि उन्होंने इसराइल पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने की बात नहीं की और ज़ायोनिस्ट देश को हथियार देते रहने की प्रतिबद्धता जाहिर की.

कमला ने कहा, "अपनी आत्मरक्षा करना इसराइल का अधिकार है. वह इसे कैसे करता है यह भी मायने रखता है क्योंकि कई मासूम फलस्तीनी, बच्चे और माएं मारे जा चुके हैं. हम जानते हैं कि यह युद्ध रुकना चाहिए. मैं हमेशा इसराइल की आत्मरक्षा में उस देश की मदद करती रहूंगी. चाहे वह ईरान के संबंध में हो या उसके साथियों के संबंध में."

ट्रम्प ने कहा कि अगर वह सत्ता में होते तो गज़ा में जो कुछ हो रहा है वह अभी नहीं हो रहा होता. ट्रम्प ने कहा, "वह (कमला) इसराइल से नफरत करती हैं. साथ ही वह अरब के लोगों से भी नफरत करती हैं. वो पूरी जगह 'उड़ने वाली है.' चाहे अरब हो या इसराइल. इसराइल नहीं रहेगा." 

"मैं रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा देता"
जब बात रूस-यूक्रेन युद्ध पर आई तो ट्रम्प ने युद्ध रोकने की बात कही. कमला ने कहा कि अगर ट्रम्प राष्ट्रपति होते तो 'पुतिन यूक्रेन की राजधानी कीव में बैठे होते.' 

कमला ने कहा, "अगर डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट होते तो पुतिन कीव में बैठे होते. और पुतिन सिर्फ यूक्रेन पर नहीं रुकने वाले हैं. अगर वह यूक्रेन जीत लेते हैं तो फिर उनकी नजर पूरे यूरोप पर होगी."

ट्रम्प ने कहा कि अगर वह अभी सरकार में होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवा देते. और पुतिन 'मॉस्को में ही बैठे होते.' उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह अमेरिका के हित में है कि इस युद्ध को ख़त्म किया जाए और एक समझौते पर बातचीत की जाए. क्योंकि हमें इन सभी लोगों की मौत को रोकना होगा." 

समापन टिप्पणी में क्या बोले ट्रम्प-कमला?
डिबेट में दोनों नेताओं ने हेल्थकेयर, अबॉर्शन, पुलिस और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर अपनी-अपनी राय रखी. 

हेल्थकेयर (Healthcare) पर कमला कोई नई नीति लाने की बात नहीं की, लेकिन कहा कि वह पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में आए 'ओबामाकेयर एक्ट' को मजबूत करना जारी रखेंगी. ट्रम्प ने कहा कि फिलहाल उनके पास कोई योजना नहीं है. लेकिन वह राष्ट्रपति बने तो अपने विचारों पर काम करेंगे. 

क्लाइमेट चेंज (Climate Change) के मुद्दे पर कमला हैरिस ने याद दिलाया कि ट्रम्प ने इसे नकली बताया था. अबॉर्शन (Abortion) को लेकर कमला ने कहा कि वह अबॉर्शन को कानूनी सुरक्षा देंगी, जबकि ट्रम्प राष्ट्रपति बनने पर उसे पूरी तरह बैन कर देंगे. ट्रम्प ने कहा कि वह इसे बैन नहीं करेंगे क्योंकि इसकी कोई जरूरत नहीं है.

कमला ने समापन टिप्पणी में अवसरों वाली अर्थव्यवस्था बनाने, अबॉर्शन के अधिकार सुरक्षित रखने और सभी अमेरिकियों की प्रतिनिधि बनने की बात कही.

ट्रम्प ने कहा कि अगर ये कमला की योजनाएं हैं तो उन्हें पिछले चार साल में बतौर उप-राष्ट्रपति इन्हें लागू करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कमला के पास बॉर्डर सुरक्षा से लेकर रोजगार की स्थिति सुधारने के लिए साढ़े तीन साल का समय था. बाइडेन को अमेरिका के इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति और कमला को अमेरिका के इतिहास की सबसे खराब उपराष्ट्रपति बताकर बाइडेन ने अपनी स्पीच खत्म की. 

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