थाइलैंड में एक 12 वर्षीय लड़की को Vaping के कारण फेफड़ों की समस्या से काफी जूझना पड़ रहा है. परिवार वालों का कहना है कि वह इस बात से बिलकुल अंजान थे कि उसे वेपिंग की आदत लग चुकी है. जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल वह केवल चौंथी क्लास में पहुंची है. साथ ही परिवार को भी लड़की की इस आदत के बाद में उसके स्कूल वालों ने ही बताया.
वेपिंग की लगी बच्चों को लत
दरअसल टैमबन डॉन मॉन म्यूनिसिपालिटी में बतौर रेस्कूअर काम कर रहे पैपहावरिन ने फेसबुक पर लोगों को जागरूक करने का जिम्मा उठा रखा था. वह फेसबुक के माध्यम से मां-बाप से गुहार करते थे कि अपने बच्चों के व्यवहार पर नज़र जरूर रखें. क्योंकि ऐसा संभव है कि बच्चे वेपिंग की आदत का शिकार हो रहे हों.
कथित तौर पर पैपहावरिन ने हाल ही में एक पांचवी, छठी और आठवीं क्लास के बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवाया था. दरअसल इन बच्चों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था और सीने में कापी दर्द हो रहा था. और इसके पीछे कारण उनका वेप करना था. यहां तक कि उनके अनुसार काफी लंबे समय तक इस आदत के कारण एक 15 वर्षीय बच्चे की जान तक जा चुकी थी.
मेडिकल जांच ने सबको चौंकाया
दरअसल बच्ची की दादी का कहना है कि जबसे वह चौथी क्लास में गई है, उसके व्यवहार में काफी बदलाव देखे जा रहे थे. वह घर में काम करने के बजाए, दिन में कई बार बिना बताए घर से बाहर चली जाती थी. जिसका बहाना उसका होता था कि वह पढ़ने गई थी दोस्तों के साथ. जब लड़की को सांस लेने में कमी होने लगी और तबियत बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद कहा कि लड़की के फेफड़े करीब 100 फीसद तक खराब हो चुके हैं. और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.
क्या होती है वेपिंग, क्या हैं नुकसान
वेपिंग को दरअसल लोगों ने स्मोकिंग के विकल्प के तौर पर खोजा है. वेपिंग में आप केमिकल को शरीर के अंदर लेते हैं. इसमें निकोटीन, जो सिगरेट में पाया जाता है और कई घातक धातु, साथ ही कैंसर पहुंचाने वाले केमिकल शामिल होते हैं. वेप सिगरेट के उलट कई फ्लेवर में भी आता है. लोग इसे ई-सिगरेट के नाम से भी बुलाते हैं. हालांकि यह सिगरेट के मुकाबले शरीर को कम नुकसान पहुंचाता है. लेकिन अगर लंबे समय के लिए इंसान इसके संपर्क में रहता है तो उसकी सेहत पर काफी गहरा असर पड़ता है.