संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव (US President Elections 2024) में अब दो दिन से भी कम का समय बाकी है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और मौजूदा उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच शुरुआती रुझान में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. फिलहाल डोनाल्ड ट्रम्प इन रुझानों में आगे हैं, लेकिन नतीजे आने तक कुछ भी कहा नहीं जा सकता.
अगर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में ऊंट किस करवट बैठेगा, इसमें 'स्विंग स्टेट्स' (Swing States) अहम भूमिका निभाएंगे. इस बात को अच्छी तरह जानने वाले ट्रम्प और हैरिस प्रचार के आखिरी घंटों में इन्हीं राज्यों में मेहनत कर रहे हैं. क्या हैं ये स्विंग स्टेट्स और इस बार इनमें कौनसे अमेरिकी राज्यों के नाम शुमार हैं, आइए डालते हैं एक नजर.
क्या होते हैं स्विंग स्टेट्स?
अमेरिकी राजनीति में स्विंग स्टेट उर्फ टॉस-अप स्टेट (Toss Up State) उन राज्यों को कहा जाता है जो शुरुआती रुझानों के अनुसार किसी पार्टी के पक्ष में नहीं जा रहे होते. इन राज्यों को 'पर्पल स्टेट' भी कहा जाता है क्योंकि ये रेड (रिपब्लिकन) या ब्लू (डेमोक्रेट) किसी के भी पक्ष में नहीं होते. आसान भाषा में समझें तो अमेरिका में दो राजनीतिक पार्टियां हैं. रिपबल्किन उर्फ रेड पार्टी, जिसके उम्मीदवार ट्रम्प हैं. और डेमोक्रेट उर्फ ब्लू पार्टी जिसकी उम्मीदवार हैरिस हैं.
अमेरिकी चुनाव में सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार नहीं बल्कि सबसे ज्यादा राज्य जीतने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति चुना जाता है. यानी अगर किसी उम्मीदवार का वोट प्रतिशत कम हो लेकिन उसकी झोली में राज्य ज्यादा हों तो वह राष्ट्रपति बन जाएगा. इसी वजह से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार उन राज्यों में वोट बढ़ाने की कोशिश करते हैं जो उन्हें बहुमत दिला सकते हैं. यहीं से शुरू होता है 'स्विंग स्टेट्स' का मामला.
मतदान से पहले ओपिनियन पोल में पता लग जाता है कि कौनसे राज्य किस पार्टी को जिताने वाले हैं. इन्हीं ओपिनियन पोल्स में उन राज्यों के बारे में पता लगता है कि कौनसे राज्यों में लड़ाई करीबी है. यानी वे राज्य जो किसी भी तरफ 'स्विंग' कर सकते हैं. इन्हीं राज्यों को स्विंग स्टेट्स कहा जाता है.
इस बार कौनसे हैं स्विंग स्टेट्स?
माना जा रहा है कि इस बार एरिज़ोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, नॉर्थ कैरोलाइना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन स्विंग स्टेट्स की लिस्ट में हैं. साल 2020 में बाइडेन ने एरिज़ोना के समर्थन से राष्ट्रपति पद जीता था. इस राज्य ने 1990 के दशक के बाद पहली बार डेमोक्रेट्स के उम्मीदवार के लिए मतदान किया था.
इस बार जॉर्जिया भी एक अहम रणभूमि बन गया है. इसी राज्य में पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प को चुनाव हस्तक्षेप से संबंधित आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. मिशिगन ने पिछले दो चुनावों में जीतने वाले उम्मीदवार को वोट किया है. जबकि परंपरागत रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट देने वाला नेवादा इस बार बहुत छोटे अंतर से रिपब्लिकन पार्टी की ओर झुक रहा है.
दूसरी ओर, हैरिस के दौड़ में उतरने के बाद से नॉर्थ कैरोलिना में हलचल बढ़ गई है. ट्रम्प ने भले ही 2020 में यह स्टेट जीता था लेकिन अब इसे "टॉस-अप" माना जा रहा है. बात करें पेंसिल्वेनिया की तो यहां ट्रम्प की हत्या के प्रयास के बाद से यह राज्य असमंजस में है. मिशिगन की तरह विस्कॉन्सिन ने भी 2016 और 2020 में जीतने वाले उम्मीदवार के लिए मतदान किया है.
कुल मिलाकर इन राज्यों के पास 90 से ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं. शुरुआती रुझानों के अनुसार ट्रम्प (49 प्रतिशत) अपनी विपक्षी हैरिस (47.2 प्रतिशत) से आगे चल रहे हैं. बहरहाल, चुनाव प्रचार के आखिरी प्रयास के बाद ये राज्य जिसकी भी झोली में जाएंगे, व्हाइट हाउस की चाबी भी उसी के हाथों में होगी.