जब से बार्बी फिल्म की खबर आम लोगों तक पहुंची, इंटरनेट पर "बार्बीकोर" नाम का ट्रेंड बढ़ता चला जा रहा है. ये एक तरह से पिंक फैशन का ट्रेंड है. इस ट्रेंड को सबसे पहले मार्गोट रॉबी ने फॉलो किया था. बार्बी मूवी के आने से पहले उन्हें कई इवेंट्स में पिंक कलर पहने हुए देखा गया था. 21 जुलाई को बार्बी मूवी रिलीज होने वाली है. बार्बी-थीम के मुताबिक, कोई भी खुद को पिंक कलर में पेंट कर सकता है और सबसे अच्छी बात है जेंडर-बेस्ड नहीं है. इसे कोई भी फॉलो कर सकता है- फिर चाहे वह कोई पुरुष हो, महिला हो या फिर LGBTQI+ समुदाय से हो. इस ट्रेंड को सेट करने में
क्या है बार्बीकोर ट्रेंड?
दरअसल, बार्बीकोर एक फैशन ट्रेंड है जो पॉपुलर बार्बी डॉल से प्रेरित है. इसकी विशेषता चमकीले गुलाबी रंग, चमक और फंकी पैटर्न हैं. इस ट्रेंड को मार्गोट रॉबी जैसी मशहूर हस्तियों ने लोकप्रिय बनाया है. ये आने वाली बार्बी फिल्म में एक्टिंग कर रही हैं. अब सोशल मीडिया पर इस बार्बी-थीम वाले ट्रेंड में सभी लोग शामिल हो रहे हैं. ट्रेंड फॉलो करने के लिए आपको अपने पहनावे में बहुत सारा पिंक कलर शामिल करना होता है. हालांकि, जरूरी नहीं है कि केवल गुलाबी ही हो बल्कि कुछ पिंक शेड वाला भी पहना जा सकता है. इसके अलावा, आप 80 और 90 के दशक के क्लासिक फैशन को अपना सकते हैं और वैसे ही एक्सेसरीज पहन सकते हैं.
कब शुरू हुआ ये ट्रेंड?
जैसा कि हम जानते हैं कि बार्बीकोर की शुरुआत पेरिस हिल्टन, निकोल रिची और ब्रिटनी स्पीयर्स जैसे शुरुआती दौर की सेलिब्रिटी फैशन हस्तियों के उदय के साथ हुई. उन्होंने कई इवेंट्स में ऐसी ऑउटफिट पहने देखा गया जो अक्सर पिंक या चमकदार होती थी. क्लूलेस, लीगली ब्लॉन्ड और बाद में मीन गर्ल्स जैसी फिल्मों के लिए जो भी कॉस्ट्यूम डिजाइन की गई वो बार्बी से खूब मैच खाती थी. एरियाना ग्रांडे से लेकर रैपर निकी मिनाज तक में लोग बार्बी को खोजने लगे. और वहीं से बार्बीकोर ट्रेंड सेट हो गया.
कैसे बार्बी डॉल ने बना दिया था पिंक कलर को फैशन स्टेटमेंट
रूथ हैंडलर ने बार्बी तब बनाई जब उन्होंने देखा कि खिलौना बाजार में बेबी डॉल और कागज की गुड़िया का बोलबाला है. बार्बी के साथ, हैंडलर ने एक गुड़िया बनाई जो छोटी लड़कियों को अपने भविष्य के सपनों को साकार करने का मौका दे सकती है- चाहे वह ऐस्ट्रॉनॉट हो, डॉक्टर हो या फैशन मॉडल बनना हो. बार्बी को सभी प्रोफेशन से जुड़े कपड़े पहनाए जाते थे. रूथ हैंडलर अपने एक इंटरव्यू में कहती हैं, "उस समय लड़कियों के लिए इस तरह के खेल की भौतिकता वास्तव में सीमित थी, इसलिए मैंने सोचा कि 'क्या होगा अगर मैं एक 3-डी मॉडल बनाऊं जो किसी भी चीज में शानदार दिख सके?”
रूथ हैंडलर के सबसे जरूरी ये था कि बार्बी इस चीज को दिखाए कि एक महिला क्या हो सकती है और यह गुड़िया के कपड़ों में दिखता था. एक ड्रेस न केवल एक अलग रूप दे सकती है, बल्कि डॉल से खेलने वाले के कैरियर या जीवनशैली को भी प्रभावित कर सकती है.
टॉय कंपनी मैटल ने किया बच्चों को टारगेट
माता-पिता की इच्छा के विपरीत, मैटल अपने विज्ञापनों में बच्चों को टारगेट करने वाली पहली कंपनियों में से एक थी. उन्होंने 50 के दशक के अंत में द मिकी माउस क्लब के दौरान बार्बी गुड़िया के लिए विज्ञापन प्रसारित किए थे. इस मार्केटिंग स्ट्रेटेजी ने न केवल खिलौने को अपार सफलता दिलाई, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि पॉप कल्चर में डॉल की मजबूत और स्थायी पकड़ हो. इसका सबसे बड़ा उदाहरण बार्बी का रंग था, जिससे सभी कनेक्ट होते थे. जबकि मूल बार्बी डॉल, जिसका मतलब एक हाई फैशन खिलौना था, में गुलाबी मार्केटिंग नहीं थी. 70 के दशक में, मैटल ने किशोर लड़कियों के बजाय युवा लड़कियों के लिए डॉल की मार्केटिंग करने पर जोर दिया और इसमें उन्होंने मुख्य रूप से पिंक कलर का इस्तेमाल किया. गुड़िया की ब्रांड पहचान अब उसका रंग बन गया था. इतना ही नहीं बल्कि मैटल के पास बार्बी पिंक (219 सी) नाम एक कॉपीराइट पैनटोन शेड भी है.
बार्बी की आलोचना भी खूब हुई
हालांकि, बार्बी की आलोचना भी खूब हुई. खासकर जब जेंडर और डाइवर्सिटी की बात आती है तो तब बार्बी का जिक्र होता ही है. रूथ हैंडलर का दावा है कि उन्होंने छोटी बच्चियों को सशक्त बनाने के तरीके के रूप में इस डॉल को बनाया था. लेकिन जैसे-जैसे समय बीता वैसे-वैसे फेमिनिस्ट सर्किल में ये चिंता का विषय बनती चली गई. इसका कारण है कि बार्बी का प्रभाव कुछ बच्चों पर गलत पड़ रहा है. ये वयस्क महिला की तरह दिखने वाली पहली गुड़िया में से एक है.