भारत और रूस के बीच कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. साल 2021 के मुकाबले साल 2023 में दोनों देशों के बीच कारोबार 4 गुना ज्यादा हुआ है. अभी भारत से रूस माल भेजने में 45 दिन का समय लगता है. लेकिन अब ये सफर 10 दिन में पूरा होगा. यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस ने International North–South Transport Corridor को लेकर तेजी दिखाई है. इस प्रोजेक्ट में भारत और रूस के अलावा ईरान, अजरबैजान भी शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत समंदर, रेल और रोड के जरिए रूस, ईरान और भारत जुड़ेंगे. इसका मकसद कारोबार में लागत और समय बचाना है.
भारत-रूस के बीच कारोबार का रूट-
भारत और रूस के बीच कारोबार के लिए अभी पुराना रूट इस्तेमाल किया जा रहा है, जो स्वेज नहर से होकर गुजरता है. लेकिन INSTC के बनने से दोनों देशों के बीच एक नया रूट मिल जाएगा. इस रूट के जरिए मुंबई से ईरान के पोर्ट अब्बास, तेहरान, रास्त, अस्तारा होते हुए अजरबैजान तक जाया जाएगा. अजरबैजान के बाकू, अस्त्राखान होते हुए रूस में एंट्री होगी.
रेल प्रोजेक्ट के लिए ईरान को फंड-
यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. जिसकी वजह से रूस का कारोबार प्रभावित हुआ है. रूस ने इन प्रतिबंधों की काट के लिए नया तरीका खोजा है. रूस मिडिल ईस्ट और एशिया में अपनी पहुंच बढ़ा रहा है. इसके लिए रूस मॉस्को से मुंबई तक के लिए मल्टी रोड ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बना रहा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए रूस ने फंडिंग की है. रूस ने अब 160 किलोमीटर लंबे रेल रूट के लिए ईरान को 12 हजार करोड़ रुपए का फंड दिया है. इस रूट पर रेलवे ट्रैक बनाने का काम शुरू हो गया है. उधर, अजरबैजान में रेलवे ट्रैक और यार्ड का काम इस साल पूरा हो जाएगा. आपको बता दें कि मॉस्को-मुंबई के इस कॉरिडोर का काम साल 2028 तक पूरा हो जाएगा.
INSTC से क्या होगा फायदा-
इस कॉरिडोर के पूरा होने के बाद समय की बचत और माल ढुलाई की लागत कम होगी. इसको एक उदाहरण से समझा जा सकता है. अभी मुंबई से मॉस्को तक माल की ढुलाई के लिए 14 हजार किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा रहा है. ये रास्ता स्वेज नहर से होकर जाता है. इसमें 45 दिन का समय लगता है. लेकिन INSTC से माल भेजने में सिर्फ 10 दिन का समय लगेगा. इतना ही नहीं, नए रूट के पूरा होने के बाद हूती विद्रोहियों का खतरा भी कम होगा. स्वेज नहर के रास्ते कारोबार करने में हूती विद्रोहियों का खतरा रहता है.
भारत-रूस के बीच बढ़ा कारोबार-
भारत और रूस के बीच कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2023 में दोनों देशों के बीच 5.37 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, जो साल 2021 की तुलना में 4 गुना है. अगर बात रूस और चीन के बीच कारोबार की करें तो साल 2023 में इनके बीच 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार हुआ है. इस रूट के बनने से रूस की एशिया में पहुंच बढ़ जाएगी.
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