Blasphemy Law: क्या है ईशनिंदा कानून, जिसके आरोप में ईरान की अदालत ने सिंगर को सुना दिया मौत का फरमान

पॉप सिंगर आमिर हुसैन ( Amir Hossein Maghsoudloo) को ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोप में ईरान की अदालत ने मौत का फरमान सुना दिया है. आमिर को उनके फैंस तातालू नाम से भी जानते हैं. आमिर पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगा है. इससे पहले कोर्ट ने उनको ईशनिंदा का दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी.

Amir Hossein
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST
  • ईशनिंदा के आरोप में ईरान की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई
  • कई देशों में ईशनिंदा पर प्रतिबंध

पॉप सिंगर आमिर हुसैन (Amir Hossein Maghsoudloo) को ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोप में ईरान की अदालत ने मौत का फरमान सुना दिया है. आमिर को उनके फैंस तातालू नाम से भी जानते हैं. आमिर पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगा है. इससे पहले कोर्ट ने उनको ईशनिंदा का दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी.

ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का सपोर्ट कर चुके हैं तातालू
तातालू को "वेश्यावृत्ति" को बढ़ावा देने के लिए भी 10 साल की सजा सुनाई गई थी और अन्य मामलों में इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ "प्रचार" फैलाने और "अश्लील कंटेंट" पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था. 37 वर्षीय सिंगर दिसंबर 2023 से ईरान में हिरासत में हैं. बता दें, मौत की सजा झेल रहे तातालू का हमेशा से ईरानी शासन से मतभेद नहीं रहा है. 2015 में उन्होंने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का सपोर्ट करते हुए एक गाना रिलीज किया था 

अभी भी फैसले को चुनौती दी जा सकती है
ईरान के स्थानीय अखबार ‘Etemad’ और 'Jame Jam' की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, “पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने का दोषी पाए जाने के बाद ईरान के सुप्रीम कोर्ट ने तातालू को मौत की सजा सुनाई थी लेकिन अभियोजक की तरफ से आपत्ति दर्ज किए जाने के बाद मामले को फिर से खोला गया और आमिर को मौत की सजा सुना दी गई.” हालांकि इस फैसले को चुनौती दी जा सकती है.

तातालू की सजा के बाद से ही ईशनिंदा (Blasphemy) कानून एक बार फिर चर्चा में आ गया है? क्या है यह कानून, किन देशों में लागू है? क्या भारत में भी ईशनिंदा के आरोप में किसी को सजा हो सकती है? आइए इसपर विस्तार से जानते हैं.

क्या है ईशनिंदा का कानून?
ईशनिंदा कानून कहता है कि पैगंबर मुहम्मद के संबंध में कोई भी "अपमानजनक'' टिप्पणी चाहे वो मौखिक रूप से की गई हो या लिखित रूप से, इसमें शब्द ही नहीं, वीडियो और तस्वीरें तक शामिल) करने वाले को मौत या कारावास की सजा सुनाई जा सकती है. मतलब साफ है यह धर्म के अपमान से जुड़ा कानून है जिनके तहत सजा के प्रावधान हैं.

हालांकि अभी तक इस कानून के तहत किसी को भी फांसी नहीं दी गई है, लेकिन पाकिस्तान, ईरान जैसे मुस्लिम बहुल देशों में ईशनिंदा की सजा आम है.

पाकिस्तान: पाकिस्तान में इस कानून पर काफी अमल किया जाता है. इसके तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी पूजा करने की वस्तु या जगह को नुकसान या फिर धार्मिक सभा में खलल डालता है तो उसे दंडित दिया जाएगा. पाकिस्तान में 1990 के बाद से ईशनिंदा के आरोपों के संबंध में कम से कम 85 लोगों की हत्या की गई है. 

सऊदी अरब: सऊदी अरब में ईशनिंदा करने वाले लोगों को मौत की सजा सुनाई जाती है. ईशनिंदा के लिए मौत की सजा दी जा सकती है. हालांकि 1992 के बाद से अदालतों ने ईशनिंदा के लिए किसी को मौत की सजा नहीं दी है. 2014 में सऊदी अरब में दहशतगर्दी से निबटने के लिए नया कानून बनाया गया है. इसके मुताबिक इस्लाम के बुनियादी सिद्धांत के बारे में सवाल उठाना दहशतगर्दी में आता है.

ईरान: ईरान में धर्म का अपमान करने वाले लोगों के लिए मौत की सजा तय की गई है. ईशनिंदा करने वालों पर आम तौर पर धरती पर भ्रष्टाचार फैलाने या मोफ़्सेद-ए-फिलारज का आरोप लगाया जाता है.

मिस्र और इंडोनेशिया: मिस्र और इंडोनेशिया में भी ईशनिंदा पर प्रतिबंध है और इस कानून का उल्लंघन करने वालों को कम से कम 6 महीनों और अधिकतम पांच साल तक की सजा हो सकती है. ईशनिंदा इंडोनेशियाई आपराधिक संहिता के तहत एक अपराध है और इसमें पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है.

भारत में ईशनिंदा को लेकर कोई कानून नहीं है. आईपीसी की धारा 295 के तहत किसी धर्म के पूजा स्थल या पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दो साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.

 

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