America Tornado: अमेरिका में कई जगहों पर टॉरनेडो तूफान ने एक बार फिर भयंकर तबाही मचाई है. इस तूफान से कई लोगों के मरने की सूचना है जबकि दर्जनों घायल हैं. टॉरनेडो ने अपने रास्ते में आने वाले सभी चीजों को बर्बाद कर दिया है. प्रशासन की ओर से प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य जारी है. आइए जानते हैं क्या होता है टॉरनेडो और इससे बनने की वजह क्या है?
क्या है टॉरनेडो?
टॉरनेडो एक भयंकर उष्ण कटिबंधी तूफान है. इसमें हवाओं का वेग लगभग 325 किमी/घंटा से भी कई बार अधिक होता है. टॉरनेडो जब आता है तो यह फनल के आकार जैसा दिखता है. टॉरनेडो हवा का गोलाकार घूमने वाला तेज वेग वाला तूफान है. कभी-कभी टॉरनेडो अपने साथ ओलों की बारिश भी करता है. यह अपने मार्ग आयी किसी भी चीज को बिना तहस-नहस किए नहीं छोड़ता है. टॉरनेडो का प्रकोप सबसे ज्यादा उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में देखा जाता है. हर वर्ष उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में हजारों लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं.
आसमान में कुछ खास तरह के देखे जाते हैं परिवर्तन
मौसम वैज्ञानिकों को कहना है कि टॉरनेडो के आने से पहले आसमान में कुछ खास तरह के परिवर्तन देखे जाते हैं. कुछ घंटे पहले हवा की दिशा बदल जाती है. हवा की रफ्तार में तेजी आ जाती है और एक चौड़ी-सी लकीर जमीन से आसमान में खड़े होते दिखती है. इसके बाद इसका विस्तार तेजी से होता है. यह लगभग छह मील तक की दूरी में फैल जाता है. इसके बाद यह तूफान तबाही मचाता है.
टॉरनेडो कभी भी आ सकता है
नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक टॉरनेडो दुनिया में कभी आ सकते हैं, लेकिन अमेरिका में ये सबसे ज्यादा संख्या में आते हैं. अमेरिका में ही सबसे ज्यादा टॉरनेडो कांसस, ओकलाहोमा, टेक्सास जैसे मैदानी इलाकों में आते हैं. अमेरिका की नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) का हिस्सा नेशनल स्ट्रॉम लैबोरेटरी के अनुसार बहुत से टॉरनेडो रहस्य ही रह जाते हैं. घातक होने के साथ उनका पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है. अमेरिका में हर साल 1,000 टॉरनेडो की चेतावनी दी जाती है. हर साल औसतन 100 लोगों की मौत होती है. 2011 में सबसे ज्यादा 553 लोग मारे गए थे.
टॉरनेडो के कई रूप
वैज्ञानिकों को कहना है कि एक साथ दो टॉरनेडो भी प्रकोप दिखा सकते हैं. टॉरनेडो को वैज्ञानिक तीन रूप में बांटते हैं. ये हैं वीक, स्ट्रांग और वॉयलेंट टॉरनेडो.वीक टॉरनेडो में हवा की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, वहीं स्ट्रांग में यह बढ़कर 200 किलोमीटर और वॉयलेंट में यह 250 तक या इससे ज्यादा भी हो सकती है.
टॉरनेडो बनने की वजह
अधिकतर टॉरनेडो तड़ित झंझावात से उत्पन्न होते हैं. एक तरफ से मैक्सिको की खाड़ी से आने वाली गर्म और नमी युक्त हवा और दूसरी तरफ कनाडा से आने वाली शीत और शुष्क हवा आती है. ये हवाएं वर्ष भर चलती रहती हैं, लेकिन जब कभी इन दोनों हवाओं में किसी जगह तेज गति से मिलन होता है, तो उस स्थान पर वायुमंडल की हवाएं ऊपर की ओर उठने लगती हैं. इस स्थिति को वायुमंडल में इनस्टेबिलीटी कहा जाता है. ये वायुमंडल के निचले स्तर में क्षैतिज दिशा में घूर्णन करने लगती हैं. इसके बाद तेजी से घूमती हुईं ये हवाएं क्षैतिज से उर्ध्वधर होने लगती हैं. हवा का घूर्णन क्षेत्र 2 से 6 मील चौड़ी हो सकता है. घूर्णन करने की वहज से ही यह काफी खतरनाक हो जाती है. टॉरनेडो एक बार में एक मील से 50 मील के क्षेत्र में तबाही ला सकता है. रॉकी माउंटेन, मैदानी इलाके और पश्चिमी क्षेत्रों में आने वाला टोरनेडा मुख्यत तड़ित झंझावत के बाद ही आता है.
टॉरनेडो की अवधि
अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में मार्च से मई तक टॉरनेडो के आने की प्रक्रिया तेज रहती है. वहीं उत्तरी राज्यों में गर्मी के दिनों में सबसे ज्यादा टॉरनेडो आते हैं. इसके अलावा कुछ राज्यों में सेकेंडरी टॉरनेडो पतझड़ के दिनों में आते हैं. टॉरनेडो की अधिकतर घटना दोपहर तीन बजे से शाम के 9 बजे तक देखी जाती है. हालांकि इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं है. औसत टॉरनेडो की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर होती है.