बुधवार की सुबह तेहरान में एक चौंकाने वाली घटना घटी. हमास संगठन के चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) की हत्या हो गई. इस खबर की पुष्टि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने एक आधिकारिक बयान में की. हमास का दावा है कि इजराल ने 'तेहरान में हानिया के घर पर एक हमला किया. इस हमले में 62 साल के इस्माइल हानिया और उसके एक बॉडीगार्ड की मौत हो गई.
हालांकि, इस हत्या के बाद से ही दुनियाभर में इस्माइल की हत्या पर चर्चा शुरू हो गई. इसमें व्हाट्सएप के को-फाउंडर यान बोरिसोविच कुम (Yan Borysovych Koum) का भी नाम जोड़कर देखा जा रहा है.
हत्या कैसे हुई?
कुछ खबरों के मुताबिक, इजरायली इंटेलिजेंस ऑपरेटिव ने उसे ट्रैक करने के लिए व्हाट्सएप में एम्बेडेड स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया. बता दें, इस्माइल के फोन पर स्पाइवेयर इंस्टॉल करने के लिए व्हाट्सएप ऐप का इस्तेमाल किया गया.
इजरायली इंटेलिजेंस ने इसके लिए व्हाट्सएप के सिक्योरिटी लूपहोल का फायदा उठाया. इस लूपहोल से इस्माइल हानिया के फोन पर एक मैसेज भेजा गया, जिसे खोलने पर स्पाइवेयर इंस्टॉल हो गया. इस्माइल हानिया के फोन पर इंस्टॉल किए गए स्पाइवेयर ने इजरायली एजेंटों को उसकी गतिविधियों पर नजर रखने और उसकी लोकेशन का पता लगाने में मदद की.
उसके स्थान के बारे में सटीक जानकारी के साथ, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस्माइल हानिया के घर को निशाना बनाने और उस पर मिसाइल से हमला करने के लिए एक ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिससे उसकी मौत हो गई.
कौन हैं यान बोरिसोविच कुम?
यान बोरिसोविच कुम एक यूक्रेनी-अमेरिकी आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्हें मैसेजिंग एप्लिकेशन व्हाट्सएप के को-फाउंडर के रूप में जाना जाता है. 24 फरवरी 1976 को यूक्रेन के कीव में जन्मे यान बोरिसोविच 1990 के दशक में अपनी मां के साथ अमेरिका चले गए थे. जहां वे कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में बस गए. यान बोरिसोविच ने सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई की और डिग्री ली.
साल 2009 में, यान बोरिसोविच ने ब्रायन एक्टन के साथ मिलकर व्हाट्सएप शुरू किया. देखते ही देखते 2014 तक, व्हाट्सएप दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म में से एक बन गया था. यान बोरिसोविच 2018 तक व्हाट्सएप के सीईओ भी रहे.