कौन हैं Alexander Dugin जिन्हें कहा जाता है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दिमाग, लिख चुके हैं 30 से ज्यादा किताबें  

Alexander Dugin: अलेक्जेंडर डुगिन को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ब्रेन कहा जाता है. मास्को में जन्मे अलेक्जेंडर के पिता एक कर्नल-जनरल थे. प्रभावशाली लेखक, राजनीतिक दार्शनिक और विश्लेषक अलेक्जेंडर करीब 30 किताबें लिख चुके हैं.

Alexander Dugin
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST
  • यूक्रेन युद्ध में है बड़ी भूमिका
  • कहे जाते हैं पुतिन का दिमाग

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दिमाग कहे जाने वाले अलेक्जेंडर डुगिन की बेटी की रविवार को एक  कार बम विस्फोट में मौत हो गई है. 29 साल की डारिया डुगिन एक एसयूवी में सवार थीं. रूसी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस विस्फोट का असली मकसद अलेक्जेंडर को निशाना बनाना था. हालांकि उन्होंने आखिरी समय में दूसरी कार में यात्रा करने का फैसला किया था.  

बता दें, अलेक्जेंडर डुगिन को यूक्रेन हमले के पीछे का ब्रेन कहा जाता है. 

कहे जाते हैं पुतिन का दिमाग

60 साल के अलेक्जेंडर डुगिन एक प्रभावशाली लेखक, राजनीतिक दार्शनिक और विश्लेषक हैं, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ब्रेन कहे जाते हैं.  वे अभी तक 30 से अधिक किताबें लिख चुके हैं. द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, अलेक्जेंडर डुगिन 1990 के दशक में एक समाचार पत्र डेन के लिए लिखते थे. 

मॉस्को में हुआ है जन्म

आपको बताते चलें कि अलेक्जेंडर डुगिन का जन्म मॉस्को में हुआ था. उनके पिता गेली अलेक्जेंड्रोविच एक कर्नल-जनरल थे, जबकि उनकी मां गैलिना एक डॉक्टर थीं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 1979 में अलेक्जेंडर मॉस्को एविएशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया, हालांकि उन्हें वहां से निकाल दिया गया. जिसके बाद उन्होंने एक स्ट्रीट क्लीनर के रूप में काम किया. 

हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. साल 2009 से 2014 तक उन्होंने मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया है. ने करीब 30 से ज्यादा किताबें लिख चुके हैं. जिनमें फाउंडेशन ऑफ जियोपॉलिटिक्स (1997) और द फोर्थ पॉलिटिकल थ्योरी (2009) शामिल हैं.

उनके राजनीतिक विचार

माना जाता है कि रूस की वर्तमान राजनीतिक विचारधारा अलेक्जेंडर डुगिन के विचारों से ही प्रभावित है. उन्हें अपने अति-राष्ट्रवादी, पश्चिम-विरोधी विचारों के लिए जाना जाता है. 

उनके 1997 के काम, 'फाउंडेशन ऑफ जियोपॉलिटिक्स: द जियोपॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ रशिया' को कम्युनिस्ट काल के बाद के उनके सबसे अधिक प्रभावशाली कार्यों में से एक माना जाता है. 

यूक्रेन युद्ध में क्या है भूमिका?

डुगिन पुतिन के यूक्रेन युद्ध के कट्टर समर्थक रहे हैं. कहा जाता है कि इस युद्ध के पीछे उन्हीं का दिमाग है. काफी समय तक आतंकवादियों के साथ उसके संबंधों के लिए अमेरिकी ने उन्हें निशाना भी बनाया था. उन्हें नोवोरोसिया (नया रूस) के विचार के प्रस्तावक के रूप में भी माना जाता है.

डुगिन को स्वतंत्र यूक्रेन के विचार को रखने के लिए जाना जाता है. उनका मानना है कि यूक्रेन यूरेशिया (Eurasia) के सभी लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा है.

 


 
 

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