कौन हैं भारतीय मूल के अजय बंगा? जो संभालने जा रहे World Bank की कमान

अजय बंगा फिलहाल प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक के वाइस चेयरमैन हैं. बंगा के पास 30 साल से ज्यादा का कारोबारी अनुभव है. मास्टर कार्ड में अलग अलग जिम्मेदारी निभाने के बाद वो लंबे समय तक इसके CEO रहे थे.

अजय बंगा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:36 PM IST
  • अजय बंगा फिलहाल प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक के वाइस चेयरमैन हैं.
  • बंगा के पास 30 साल से ज्यादा का कारोबारी अनुभव है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मास्टरकार्ड (Master Card) के पूर्व सीईओ अजय बंगा (Ajay Banga) को वर्ल्ड बैंक (World Bank) का प्रमुख नामांकित किया है. अभी तक डेविड मलपास वर्ल्ड बैंक के शीर्ष पद पर थे. अजय बंगा को नामित करने का कारण है कि उनको वैश्विक चुनौतियों के साथ ही क्लाइमेट चेंज की चुनौती के बार में भी अच्छा अनुभव है. ये एलान ऐसे समय में किया गया है जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा नियुक्त किए डेविड मलपास ने जून में अपना पद छोड़ने का एलान किया है. वर्ल्ड बैंक 189 देशों का नेतृत्व करता है जिसका उद्देश्य गरीबी को हटाना है. डेविड मलपास का 5 साल का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में खत्म होना था. वर्ल्ड बैंक का प्रमुख आमतौर पर अमेरिकी होता है.

बंगा के पास है 30 साल का अनुभव

अजय बंगा फिलहाल प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक के वाइस चेयरमैन हैं. बंगा के पास 30 साल से ज्यादा का कारोबारी अनुभव है. मास्टर कार्ड में अलग अलग जिम्मेदारी निभाने के बाद वो लंबे समय तक इसके CEO रहे थे. इसके अलावा उन्होंने अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और Dow Inc. में काम किया है. अजय बंगा पहले भारत में जन्मे शख्स हैं जिन्हें वर्ल्ड बैंक के मुखिया के लिए नामित किया गया है.

बाइडन ने बंगा को बताया सबसे उपयुक्त चुनाव

अजय बंगा को नामित करते हुए जो बाइडन ने कहा कि इस ऐतिहासिक और नाजुक क्षण में अजय वर्ल्ड बैंक की कमान संभालने के लिए सबसे उपयुक्त शख्स हैं. उन्होंने आगे कहा कि अजय बंगा के पास निजी और सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए क्लाइमेट चेंज समेत मौजूद दौर की सभी चुनौतियों को संभालने की क्षमता है.

अजय बंगा का अनुभव गरीबी घटाने में मददगार होगा

ट्रेजरी सेक्रेटरी Janet Yellen ने कहा है कि अजय बंगा का अनुभव बेहद गरीबी को घटाने के वर्ल्ड बैंक के मकसद को हासिल करने में बेहद मददगार साबित होगा. इसके साथ वो संपन्नता को साझा करने के प्रयास में भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. इसके साथ ही वर्ल्ड बैंक की साख को सुधारने में भी बंगा महत्वपूर्ण रोल निभा सकते हैं. इसमें क्लाइमेट में हो रहे बदलावों के साथ ही प्रदूषण घटाने के महत्वकांक्षी लक्ष्य भी शामिल हैं.

क्लाइमेट चेंज बना अमेरिका की प्राथमिकता

क्लाइमेट चेंज का असर वर्ल्ड बैंक के दृष्टिकोण से अमेरिका की प्राथमिकता है. ऐसे में क्लाइमेट चेंज से जुड़ी शख्सियतों ने बाइडन प्रशासन से गुहार लगाई थी कि वो मलपास की जल्द हो रही विदाई के मौके को इस ताकतवर वित्तीय संस्थान के बदलाव के तौर पर इस्तेमाल करें. दरअसल, वर्ल्ड बैंक पर लगातार ये आरोप लगते रहे हैं कि वो गरीब देशों के लिए काम करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखता है और क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर तो वो एकदम खामोश है. पिछले साल एक कॉन्फ्रेंस में मलपास ये कहने के बाद विवाद में आ गए थे कि उन्हें शक है कि विज्ञान का ये मानना कि फॉसिल फ्यूल से ग्लोबल वॉर्मिंग होती है. हालांकि बाद में उन्होंने इसपे खेद जताते हुए कहा था कि वर्ल्ड बैंक लगातार क्लाइमेट साइंस पर भरोसा करता है.

-आदित्य राणा की रिपोर्ट

 

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