कौन है Nusrat Mirza, जिन्होंने यूपीए के शासनकाल में भारत से जुड़ी सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI तक पहुंचाईं थीं

Pakistani Columist Nusrat Mirza: हाल ही में यूट्यूबर शकील चौधरी को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान कॉलमिस्ट नुसरत मिर्जा ने बताया कि जब वे भारत आए थे तब उन्होंने भारत के बारे में सूचनाएं इकट्ठी करके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाईं थीं. बता दें, नुसरत मिर्जा पाकिस्तान की सीनियर कॉलमिस्ट हैं और पिछले 52 साल से कॉलम लिख रहे हैं.

Nusrat Mirza
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST
  • विभाजन से पहले दिल्ली में हुआ था जन्म
  • भारत सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं नुसरत 

पाकिस्तान के एक पत्रकार ने हाल ही में एक सनसनीखेज दावा किया है. पाकिस्तानी के पत्रकार नुसरत मिर्जा ने कहा है कि यूपीए के शासनकाल में जब वे भारत आए थे तब उन्होंने भारत के बारे में सूचनाएं इकट्ठी करके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाईं थीं. दरअसल ये दावा, नुसरत मिर्जा ने एक यूट्यूबर शकील चौधरी को दिए इंटरव्यू में किया है. उन्होंने बताया कि वह 2005 से 2011 के बीच कई बार भारत आए थे. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी कॉलमिस्ट नुसरत मिर्जा कई बार भारत आ चुके हैं.  2007 से 2010 के दौरान दिल्ली और अलीगढ़ में नुसरत मिर्ज़ा ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया. नुसरत मिर्जा ने 27 अक्टूबर 2009 में दिल्ली के ओबेरॉय होटल में हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया था. जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कैबिनेट मंत्री गुलाम नबी आजाद भी शामिल हुए थे. 

कौन हैं नुसरत मिर्जा?

आपको बताते चलें, नुसरत मिर्जा पाकिस्तान की सीनियर कॉलमिस्ट हैं. वे पिछले 52 साल से कॉलम लिख रहे हैं. सबसे पहले उन्होंने पाकिस्तान के नवा-ए-वक्त के लिए और फिर पाकिस्तान के सबसे प्रसिद्ध उर्दू अखबार जंग के लिए कॉलम लिखा.  इसके अलावा वे पिछले 9 साल से सच (Truth ) टीवी पर एक शो को होस्ट कर रहे हैं. 

उन्होंने अभी तक 18 किताबें लिखी हैं और वे ट्रेनिंग से इंजीनियर हैं. इतना ही नहीं, एक इटेलियन इंजीनियरिंग कंपनी में शामिल होने के बाद, उन्होंने कई वर्षों तक सऊदी अरब में काम किया. 

(क्रेडिट: RFI पाकिस्तान)

विभाजन से पहले दिल्ली में हुआ था जन्म

नुसरत मिर्जा का जन्म विभाजन से पहले दिल्ली में एक मुगल परिवार में हुआ था. लेकिन पढ़ाई लिखे पाकिस्तान से हुई है. नुसरत मिर्जा ने अपनी बीए पाकिस्तान के सिंध के मुस्लिम कॉलेज हैदराबाद से की है. इसके बाद साल 1967 से 1969 तक पोलिटिकल साइंस में सिंध यूनिवर्सिटी से एमए (MA) की है. इसके बाद साल 1992 में यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है. 

कैसे मिला वीजा?

पत्रकार शकील चौधरी ने जो यूट्यूब पर इंटरव्यू डाला है उसमें नुसरत मिर्जा ने बताया कि वीजा दिलाने में उनकी मदद तत्कालीन विदेश मंत्री ने की थी. नुसरत मिर्ज़ा कहते हैं, "आमतौर पर, जब आप भारत के लिए वीजा के लिए आवेदन करते हैं, तो वे आपको केवल तीन स्थानों पर जाने की अनुमति देते हैं. हालांकि, उस समय खुर्शीद कसूरी विदेश मंत्री थे जिन्होंने मुझे सात शहरों के लिए वीजा दिलाने में मदद की.” 

(क्रेडिट: RFI पाकिस्तान)

5 बार कर चुके भारत का दौरा

भारत की अपनी यात्राओं के बारे में गर्व करते हुए नुसरत मिर्जा  इंटरव्यू में बताते हैं, "मैं पांच बार भारत का दौरा कर चुका हूं. मैंने दिल्ली, बंगलौर, चेन्नई, पटना और कोलकाता का भी दौरा किया है. 2011 में, मैं मिल्ली गजट के प्रकाशक जफरुल इस्लाम खान से भी मिला था.”

इंडिया टुडे के मुताबिक, फरवरी 2010 में, नुसरत मिर्जा दिल्ली के जामिया मिलिया में एक सेमिनार में भाग लेने के लिए वापस आए थे. मिर्जा के साथ पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं का एक समूह भी था, जिसमें नेशनल असेंबली के पूर्व सदस्य डॉ. अरेश सिंह भी शामिल थे.

भारत सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं नुसरत 

गौरतलब है कि नुसरत मिर्जा भारत सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं और भारत के खिलाफ कई सभाओं का सक्रिय रूप से आयोजन करते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान की डोमेस्टिक क्रिकेट लीग, पाकिस्तान सुपर लीग को भारत के खिलाफ एक "हाइब्रिड युद्ध" करार दिया था. उनका कहना था कि वो मैच पाकिस्तान ने जीता है.
 
(इनपुट- अंकित)
 
 

 

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