अमेरिकी क्यों चाहते हैं US प्रेसिडेंट Joe Biden का कॉग्निटिव टेस्ट, जानें कैसे होती है ये ब्रेन फंक्शन से जुड़ी जांच

कॉग्निटिव टेस्ट में यह मापा जाता है कि किसी का दिमाग कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है. ये टेस्ट किसी बीमारी के बारे में नहीं बताते हैं लेकिन यह संकेत दे सकते हैं कि आगे टेस्ट किसी तरह के टेस्ट या इलाज की जरूरत है या नहीं.

Joe Biden (Photo/Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST
  • सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं 81 साल के बाइडेन 
  • बाइडेन का दावा- दो टेस्ट लिए, दोनों में पास

अमेरिका में चल रही राष्ट्रपति पद की दौड़ में उम्र और मेंटल फिटनेस प्रमुख मुद्दे बन गए हैं. इस विषय ने विशेष रूप से राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) और उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प को काफी प्रभावित किया है. जहां जो बाइडेन इस वक्त 81 साल के हैं, तो वहीं डोनाल्ड ट्रम्प 78 साल के हैं. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब इन दोनों की उम्र और कॉग्निटिव एबिलिटी के बारे में चर्चा हो रही है.  अमेरिकी चाहते हैं कि जो बाइडेन के ब्रेन फंक्शन को चेक किया जाना चाहिए, और उन्हें अपना कॉग्निटिव टेस्ट (Cognitive Test) करवाना चाहिए.

सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं बाइडेन 
राष्ट्रपति जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं, और अगर डोनाल्ड ट्रम्प चुने जाते हैं, तो वह दूसरे सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होते. हालांकि, एक इंटरव्यू के दौरान, जो बाइडेन से पूछा गया था कि क्या वह अपनी मानसिक फिटनेस का आकलन करने के लिए एक कॉग्निटिव टेस्ट करेंगे. तो उन्होंने यह कहकर जवाब दिया कि उनका हर दिन एक कॉग्निटिव टेस्ट होता है और उनके डॉक्टरों का मानना ​​​​है कि उन्हें ऑफिशियल टेस्ट की जरूरत नहीं है.

वहीं इसके विपरीत, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उन्होंने कॉग्निटिव टेस्ट लिया है, एक अपने राष्ट्रपति पद के दौरान और दूसरा हाल ही में. और उनका दावा है कि वे दोनों में पास हुए हैं.

कॉग्निटिव टेस्ट क्या करता है?
कॉग्निटिव टेस्ट यह मापने के लिए डिजाइन किए गए हैं कि दिमाग कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है. वे किसी बीमारी के बारे में नहीं बताते हैं लेकिन यह संकेत दे सकते हैं कि आगे टेस्ट की जरूरत है या नहीं. क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, अगर किसी को याददाश्त, पर्सनालिटी में बदलाव, बैलेंस की समस्या, भूलने की बीमारी या जानकारी को समझने में मुश्किल हो रही है, तो कॉग्निटिव टेस्ट की जरूरत हो सकती है.

जो बाइडेन के लिए हो सकता है फायदेमंद 
ज्यादातर इसके लिए मॉन्ट्रियल कॉग्निटिव असेसमेंट (MoCA) टेस्ट होता है. MoCA आम तौर पर काफी आसान होता है, लेकिन अगर कोई मेंटली किसी परेशानी से जूझ रहा है तो उसके लिए मुश्किल हो सकती है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार MoCA बनाने वाले कनाडाई न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जियाद नसरुद्दीन का मानना ​​है कि टेस्ट जो बाइडेन के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसकी मदद से अमेरिका के लोग आश्वस्त हो जाएंगे कि जो बाइडेन मेंटली फिट हैं. 

कॉग्निटिव टेस्ट कैसे होता है?
कॉग्निटिव टेस्टों में मेडिकल प्रोफेशनल मरीजों से लर्निंग और मेमोरी से जुड़े अलग-अलग सवाल पूछते हैं. इन कॉग्निटिव टेस्टों के साथ-साथ फिजिकल और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट और रोगी का पूरा इतिहास शामिल होता है. अक्सर, MoCA जैसे टेस्ट से इसकी शुरुआत होती है. उदाहरण के लिए, किसी मरीज को कोई कहानी याद करने, चित्रों में चीजों के नाम बताने या किसी अक्षर से शुरू होने वाली किसी चीज की लिस्ट बनाने के लिए कहा जा सकता है.

हालांकि, कॉग्निटिव टेस्ट ही सब कुछ नहीं होता है. केवल एक कॉग्निटिव टेस्ट यह निर्धारित नहीं कर सकता कि कोई अच्छा राष्ट्रपति होगा या नहीं. 

जो बाइडेन में दिख रहे हैं बदलाव 
MoCA बनाने वाले डॉ. नसरेडाइन का कहना है कि 75 साल की उम्र तक, 25% रोगियों में कुछ न कुछ बदलाव जरूर होते हैं. उन्हें इसका एहसास नहीं होता है, लेकिन शरीर में ऐसे बदलाव होते हैं. डॉ. नसरेडाइन ने पिछले साल में जो बाइडेन में बदलावों को देखा है. उनके मुताबिक, जो बाइडेन धीरे-धीरे चलते हैं, धीरे-धीरे बोलते हैं, और कभी-कभी बुदबुदाते हैं या गलत शब्द बोलते हैं. वहीं, डोनाल्ड ट्रम्प, केवल तीन साल छोटे होने के बावजूद, ज्यादा ऊर्जावान दिखाई देते हैं.


 

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