World Earth Day 2023: हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस, धरती मां को बचाने के लिए हमें करने होंगे ये काम 

World Earth Day 2023 Date, Theme: विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले 1970 में अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी. अर्थ डे जैसे शब्द को दुनिया के सामने जूलियन कोनिग लेकर आए थे. 

विश्व पृथ्वी दिवस पर धरती मां को बचाने का लें संकल्प.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST
  • वर्ल्ड अर्थ डे पर लोगों को पृथ्वी का बताया जाता है महत्‍व 
  • पृथ्वी को बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए

हर साल 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे यानी विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इसको मनाने का उद्देश्य लोग को पृथ्वी के महत्‍व को बताना और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के लिए जागरूक करना है.  

पृथ्वी दिवस का इतिहास 
विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले 1970 में अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी. इसके ठीक एक साल पहले यानी 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव के कारण बड़ी त्रासदी हो गई थी. इस हादसे ने कई लोगों को चपेट में लिया था. उसी दिन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का निर्णय लिया गया और नेल्सन के कहने पर 22 अप्रैल को करोड़ों की संख्या में अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस को सेलिब्रेट किया. पृथ्वी दिवस या अर्थ डे जैसे शब्द को दुनिया के सामने लाने वाले सबसे पहले व्यक्ति जूलियन कोनिग थे. कोनिग जन्मदिन 22 अप्रैल को होता था. इसी वजह से पर्यावरण संरक्षण से जुड़े आंदोलन की शुरुआत भी उन्होंने इसी दिन की और इसे अर्थ डे का नाम दे दिया.

अर्थ डे 2023 का थीम
हर साल एक अलग थीम के आधार पर पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इस साल वर्ल्ड अर्थ डे की थीम है, इन्वेस्ट इन आवर प्लांट (Invest in our planet), मतलब हमारे ग्रह में निवेश करें. इसमें मुख्य बिंदु है पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा चुनौतियों को जान कर उन्हें खत्म करने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है.

प्रमुख स्लोगन
1. जीवन को हमें बचाना है…पृथ्वी को हरा बनाना है. 
2. कटते वृक्ष उजड़ते वन, मौत को हैं आमंत्रण.
3. जन-जन से ये कहना है…वृक्ष धरा का गहना है.
4. धरा नहीं होगी तो सब धरा रह जाएगा!
5. मत करो धरती पर तुम सब अत्याचार, क्योंकि यही तो है हमारी सांसों का आधार.

हमें ये लेना होगा संकल्प
1. पृथ्वी के बिना इंसान का जीवन संभव नहीं है. इसे बचाने के लिए हमें पेड़-पैधे लगाने का संकल्प लेना होगा. ऐसा करने से हरियाली के साथ ही ऑक्सीजन भी मिलेगी. पेड़ मिट्टी को कटने से भी रोकते हैं. इसलिए हमें पौधरोपण करना होगा और इसके लिए लोगों को जागरूकर भी करना होगा. 

2. धरती को बचाने में जल संरक्षण बेहद अहम भूमिका निभाता है. पानी की बरबादी हमारे भूमंडल के बिगड़ते हालात के लिए जिम्मेदार है. हमें ज्यादा से ज्यादा पानी बचाने का संकल्प लेना होगा. भू-गर्भ जल को बनाए रखना होगा. पानी बेवजह खर्च न करें. बारिश के पानी को स्टोर करके उसका इस्तेमाल करना चाहिए. 

3. पूरी दुनिया में आज बढ़ती वाहनों की संख्या और हवाई जहाजों की मांग से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है. वाहनों और हवाई जहाजों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बन रहा है. अगर ज्यादा दूर न जाना हो तो सायकिल का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर सायकिल न चला सकें तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें.

4. कूड़े-कचरे का उचित प्रबंधन करना होगा.रीसाइक्लिंग नहीं होने के कारण जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं, जो वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण का कारण बनते हैं. ऐसे में हमें कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा. 

5. पृथ्वी को बचाने के लिए बिजली का कम इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है. बिजली बनाने में कोयला और प्राकृतिक गैसों का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है. इन पदार्थों को ज्यादा से ज्यादा जलाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है. हमें सौर ऊर्जा का ज्यादा इस्तेमाल करने के संकल्प लेना होगा. एसी का तापमान 24-25 डिग्री तक ही रखें. ऐसा करने से ग्रीनहाउस गैसें का उत्सर्जन कम होता है.

6. हम कम से कम केमिकल का इस्तेमाल करना चाहिए. नहाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने, हाथ धोने में इस्तेमाल किए जाने वाला केमिकल नाली के रास्ते बड़े नालों से होता हुआ नदियों में मिलेगा. जिससे नदियां प्रदूषित होंगी. इससे हमारे पर्यावरण पर खराब असर पड़ेगा.


 

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