आपने इलेक्ट्रिक रिक्शा, इलेक्ट्रिक बाइक, इलेक्ट्रिक कार और बस देखा होगा, इसका सफर भी किया होगा. लेकिन क्या अपने इलेक्ट्रिक हवाई जहाज के बारे में सुना है. अगर नहीं सुना है तो बताते हैं. एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री और तकनीक की क्षेत्र में यह किसी क्रांति से कम नहीं है. बता दें कि पहली ई फ्लाइट सेवा शुरू होने जा रही है. अब आपके मन में सबसे बड़ा सवाल ये होगा कि प्लेन तो एक बार में सैंकड़ों हजारों किलोमीटर की यात्रा करता है तो क्या एक बार चार्ज करने पर यह लंबी दुरी तक उड़ान भर सकेगा. या एक बार फुल चार्ज करने पर कितनी दूरी तक जा सकेगा. कितने लोग इस प्लेन में बैठ पाएंगे और और कहां इस ई फ्लाट की सेवा शुरू होने वाली है. सवाल कई हैं आपको बारी बारी से पूरी जानकारी देते हैं. इसके साथ ही आपको बताएंगे कि इस प्लेन की खासियत क्या है.
कहां होगी इसकी शुरुआत
दुनिया की पहली ई फ्लाइट की सेवा कनाडा में शुरू होने वाली है. इसे स्वीडन में बनाया गया है और इसका नाम ES-30 इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट है. इस विमान में 30 यात्री एक साथ सफर कर पाएंगे. विमान बनाने वाली कंपनी के अनुसार वह एक और विमान बना रही है जोकि 19 सीटर है. और उस विमान का नाम ES-19 है.
एक बार में इतने किलोमीटर जा सकेगा विमान
जिस तरह से वाहनों को चलाने के लिए पेट्रोल डीजल की आवश्यकता होती है वैसे ही हवाई जहाज को चलाने के लिए जेट ईंधन और एविगैस का इस्तेमाल होता है. लेकिन जैसे जैसे तकनीक ने तरक्की की है वैसे वैसे नई तकनीक का ईजाद हुआ है. अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आती है. लेकिन अब दिन दूर नहीं जब इलेक्ट्रिक फ्लाइट को आप आसमान में उड़ते देखेंगे. लेकिन सवाल ये है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन है लेकिन प्लेन को आसमान में तो चार्ज करेंगे नहीं तो एक बार चार्ज करने पर कितने किलोमीटर तक की यात्रा किया जा सकेगा. तो विमान बनाने वाली कंपनी के मुताबिक ES-30 इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट एक बार फुल चार्ज होने पर 200 किलोमीटर की यात्रा कर सकेगा और बीस हजार फीट तक की उंचाई तक उड़ान भर सकेगा.
पर्यावरण को पहुंचेगा फायदा
इलेक्ट्रिक गाड़ियां पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से अच्छी मानी जाती है. इलेक्ट्रिक गाड़ी में कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है और इसका सीधा फायदा पर्यावरण को मिलता है. इसके इस्तेमाल से बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाया जा सकता है. इलेक्ट्रिक विमान के साथ भी यही बात है. ई फ्लाइट बनाने वाली कंपनी भी इसी लक्ष्य पर काम कर रही है. कंपनी ने 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है.