Israel पर हमले के बाद इधर-उधर भाग रहे थे लोग, Yaniv ने हमास की गोली से 8 को बचाया लेकिन खुद गंवा दी जान, ऐसे ही और असली 'हीरो' को जानिए  

Israel-Hamas War: इजराइल पर हमला कर हमास ने सैकड़ों निर्दोष लोगों को मार दिया है. आतंकियों के हमले से दूसरों को बचाने के लिए कई लोगों ने खुद की जान दे दी है. आइए ऐसे कुछ लोगों के बारे में जानते हैं.

हमास के हमले से बचाया (फोटो सोशल मीडिया)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST
  • 7 अक्टूबर को हमास ने एक बाद एक कई हमले इजराइल पर किए थे
  • आतंकियों ने सैकड़ों निर्दोष लोगों को दिया था मार

इजराइल पर फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने जब 7 अक्टूबर 2023 को एक के बाद एक हमले किए तो वहां के निवासियों को कुछ समझ में ही नहीं आया. जान बचाने के लिए वे इधर-उधर भागने लगे. इनमें से कई लोग हमास की गोली से घायल हो गए तो कई की मौत हो गई. इसी बीच कुछ लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जिंदगियां बचाई. ऐसा ही एक नाम यानिव सरुडी का है. खुद जान गंवा दी लेकिन हमास की गोली से आठ लोगों को बचा लिया. आइए जानते हैं कैसे?

गोलीबारी के बीच लोगों को कार में बैठाया
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आतंकी हमले के दौरान दक्षिणी इजराइल में यानिव कार से जा रहे थे. हमले के बाद दहशत से लोग भाग रहे थे. यानिव ने लोगों को देखकर तुरंत कार रोकी और 8 लोगों को उसमें बैठाया. इसके बाद उन्हें लेकर वह आईडीएफ बेस गए, लेकिन वह बेस हमास के नियंत्रण में था. इसके बाद वह आतंकियों की लगातार गोलीबारी के बीच कार चलाते रहे. इसी बीच वे भी घायल हो गए. फिर भी आईडीएफ विशेष बलों के आने का इंतजार करते रहे. करीब दो घंटे तक वह कार चलाते रहे. इसके बाद आईडीएफ के विशेष बल आए. गंभीर चोटों से यानिव की तो मौत हो गई लेकिन उन्होंने 8 लोगों की जान बचा ली. 

25 साल की इनबल ने किबुत्ज की रक्षा के लिए तैयार किया प्लान
हमास आतंकियों की हमले को एक 25 साल की लड़की ने नकाम कर दिया. खतरनाक परिस्थिति को भांप कर इनबल राबिन-लिबरमैन ने घर-घर जाकर लोगों को एकत्र किया और एक आपातकालीन आत्मरक्षा दल तैयार कर किबुत्ज़ की रक्षा के लिए प्लान तैयार किया. इसके बाद जो आतंकी किबुत्ज पहुंचे, उन्हें इन लोगों ने घात लगाकर मार गिराया. इजराइली सैनिकों के पहुंचने तक इस दल ने 25 आतंकियों को ढेर कर दिया था.

कपल ने बेटे को बचाने के लिए खुद को गोलियों के सामने कर लिया 
इजरायल में हमास की गोलीबारी से अपने छोटे बेटे को बचाने के दौरान एक कपल ने जान गंवा दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महिला के पिता ने कहा कि उनकी बेटी और दामाद डेबोरा और श्लोमी मटियास को आतंकवादियों ने उस वक्त मार डाला, जब उन्होंने अपने बेटे को बचाने के लिए खुद को गोलियों के सामने कर लिया. उन्होंने बताया कि डेबोरा और श्लोमी अपने 16 साल के बेटे के साथ सुरक्षित कमरे में थे. तभी आतंकवादियों ने उनके घर के दरवाजे तोड़ दिए और उन्हें गोली मार दी. डेबोरा और श्लोमी ने यह सुनिश्चित किया कि वे बेटे पर गिरें, जिससे उसकी जान बच सके. हालांकि एक गोली बेटे के पेट में भी लगी, लेकिन वह बच गया. 

सूझबूझ से बुजुर्ग दंपति ने बचाई जिंदगी
हमास के बंधक से कुछ को इजराइली सुरक्षा बलों ने आजाद करा लिया है. ऐसे ही एक बुजुर्ग दंपति हैं, जिन्हें इजरायली सुरक्षा बलों ने 15 घंटे बंधक के बाद आजाद करा लिया. ये लोग इजराइल के दक्षिणी शहर ओफाकिम में रहते थे. इस दंपति के दोनों बेटे पुलिस अधिकारी हैं. डेविड और रेचेल नाम के उस दंपति ने बताया है कि कैसे वे गाजा पट्टी के आतंकवादियों द्वारा अपने ही घर में 15 घंटे तक बंधक बनाकर रखे गए और कैसे सूझबूझ से उन्होंने अपनी जिंदगी उन दरिंदों से बचाई, जो बात-बात पर गोली चला रहे थे और उन्हें भी मारने की धमकी दे रहे थे.

मरेंगे तो दोनों एकसाथ ही 
टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हिब्रू मीडिया से बात करते हुए दंपति ने बताया कि पांच आतंकियों ने उनके बेडरूम की खिड़की के जरिए उनके घर में घुसपैठ कर ली थी और उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे थे. रेचेल ने वाकया याद करते हुए बताया कि उन्होंने अपने पति डेविड से तब कहा था कि अगर हम मरेंगे तो दोनों एकसाथ ही मरेंगे. कुछ दिनों पहले ही डेविड को हार्ट अटैक आया था, इसलिए वह बीमार चल रहे थे. आतंकियों को देखकर वह बहुत घबरा गए थे.

कुकीज और कॉफी बनाकर दी
बहुत देर बाद जब इजराइली सुरक्षा बलों ने शहर को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया तो ये पांचों आतंकी भी घबरा गए. उनमें से एक गोली लगने से घायल हो चुका था. वह बहुत परेशान था. उसने सुरक्षा बलों से बातचीत में खाना और पानी और एक के लिए मेडिकल सहायता मांगी. सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तभी एक आतंकी ढेर हो गया. तभी आतंकी ने सेलफोन मांगा लेकिन उसे सेलफोन मुहैया कराने से इनकार कर दिया गया. अपनी मांगें पूरी नहीं होने से आतंकी गुस्से में थे, तभी रेचेल ने आतंकी से पूछा कि अगर भूख लगी है तो वह कुकीज और कॉफी बनाकर दे सकती हैं.

आतंकियों का ध्यान भटकाया
डेविड के मुताबिक, जब रेचेल आतंकियों के लिए कुकीज और कॉपी की पेशकश कर रही थी, और उनका ध्यान भटका रही थी, तभी उनमें से एक आतंकी इजराइली गायक लियोर नर्किस का - इजरायली गीत गुनगुना रहा था. इसी दौरान घर के बाहर, उनके पुलिस अधिकारी बेटे एविएटर आतंकवाद निरोधी दस्ते को घुसपैठ और बचाव के प्रयास की तैयारी के लिए अपने घर के लेआउट के बारे में बता रहे थे. डेविन ने कहा, मुझे पता था कि मेरा बेटा बाहर है; लेकिन मुझे नहीं पता था कि आतंकियों से बातचीत में वही शामिल था. 

जब हैंड ग्रेनेड माथे पर सटा दिया
आतंक निरोधी दस्ते के साथ बातचीत के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड का पिन निकाल लिया और डेविड के माथे से सटा दिया था. रेचेल ने आतंकियों से बातचीत और हमले को टालने के क्रम में एक घायल आतंकी के हाथों पर पट्टी भी बांधी थी. इस तरह आतंकियों ने उनकी हत्या तब तक नहीं की थी. बाद में इजराइली सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को पकड़ लिया लेकिन इस दौरान बमबारी में बुजुर्ग दंपति घायल हो गए.

जीवित बचे लोग अब भी हमले को भुला नहीं पा रहे 
सेडरोट शहर में रहने वाले यत्ज़ाक शिट्रिट जैसे जीवित बचे लोग, अब भी हमास के हमले को भुला नहीं पा रहे हैं. जिन्होंने हमले को देखा और पूरे दिन अपने घर में छुपे रहे. यत्ज़ाक की प्रार्थना बस यही है कि हमास के बर्बर बंदूकधारी उन्हें और उनके परिवार को न ढूंढ पाएं. यत्ज़ाक की पीड़ा उनके शब्दों में साफ झलक रही है जो ये बताने को काफी है कि हमास के बंदूकधारी बच्चों से लेकर बूढ़ों तक किसी पर भी रहम नहीं कर रहे थे.  

यत्ज़ाक जो खुद सेडरोट में पुलिस स्टेशन के पास रहते हैं, उन्होंने बताया कि कैसे हमास के लड़ाकों ने 20 से अधिक पुलिसकर्मियों की हत्या की और पुलिस स्टेशन पर कब्ज़ा कर लिया. बाद में इजराइल की सेना ने इस पुलिस स्टेशन को बम से उड़ाकर हमास के मंसूबों पर पानी फेर दिया.  

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