आज हम आपको पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान की कहानी सुनाएंगे. जो कि सियासत की पिच पर भी जमकर जमें हुए है. पाकिस्तान में सियासत का हाईवोल्टेज ड्रामा चल रहा है. इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद से सत्ता बचाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए. लेकिन वो नाकाम हो गए. उन्होंने ये बात फैलाई कि उन्हें हटाने में अमेरिका का हाथ है. विदशी ताकतों की साजिश का हवाला दिया. आखिरकार दांव कामयाब हो गया. अंतिम समय में इमरान ने नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर का सहारा लिया. डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर संविधान के आर्टिकल 5 के तहत विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. अब पाकिस्तान में 90 दिनों के अंदर चुनाव होंगे. ऐसे में कहा जा रहा है कि क्रिकेट का ये खिलाड़ी. राजनीति में भी फिलहाल मिस्टर खिलाड़ी साबित हो गए क्योंकि विपक्ष जहां इमरान के खिलाफ जीत चाहते वही अब मैच फिर से शुरू होगा.
Today we will tell you the story of Imran Khan, the caretaker Prime Minister of Pakistan. Which is also frozen on the pitch of politics. High voltage drama of politics is going on in Pakistan. Imran Khan adopted all kinds of tactics to save power after the no-confidence motion. But they failed. He spread the word that America had a hand in removing him. Referred to the conspiracy of foreign forces. Eventually the bet was successful. At the last moment, Imran took the support of the Deputy Speaker in the National Assembly. The deputy speaker rejected the opposition's no-confidence motion under Article 5 of the Constitution, alleging foreign conspiracy.