करीब 9 साल के बाद भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान पहुंचे. हालांकि जयशंकर ने साफ कहा था कि पाकिस्तान में वो केवल SCO की बैठक में शामिल होंगे और उनका पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत का कोई इरादा नहीं है. लेकिन पाकिस्तान में हुक्मरान ये उम्मीद पाल कर बैठे थे कि जयशंकर के आने से उनको भारत के साथ रिश्ते सुधारने का मौका मिलेगा. सवाल है कि भारत के साथ बातचीत के लिए पाकिस्तान क्यों बेकरार है.