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Gemini Monthly Horoscope June 2024: काम में रहेगी व्यस्तता, प्रेम व वैवाहिक रिश्ते सुधरने के होंगे आसार, जानिए मिथुन राशि वालों के लिए कैसा रहेगा जून माह

मिथुन राशि के जातकों के लिए आने वाला महीना उतार-चढ़ाव से भरा होगा. आर्थिक मामलों से लेकर वैवाहिक रिश्तों तक, आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा. पारिवारिक रिश्तों में भी अशांति देखने को मिल सकती है लेकिन संयम और धैर्य ही आपकी नैया पार लगा सकता है.

Gemini Monthly Horoscope Gemini Monthly Horoscope

मिथुन राशि के जातकों के लिए जून का महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है. जातकों विशेष रुप से उनके खर्चे और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी क्योंकि इन दोनों मोर्चों पर आपकी चुनौतियां बढ़ने वाली हैं. यदि आप इन पर शुरू से ही ध्यान नहीं देंगे तो फिर आपको बाद में परेशानी उठानी पड़ सकती है. आइए जानते हैं कैसा होने वाला है मिथुन राशि के जातकों के लिए आने वाला महीना.

काम के मामले में रहेगी व्यस्तता
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना विशेषकर उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है. दशम भाव में राहु महाराज पूरे महीने बने रहने के कारण आपको अपने काम को आसानी से करने में महारत हासिल होगी. जो काम औरों के लिए मुश्किल होगा आप उसे बहुत ही जल्दी और अच्छी तरीके से कर डालेंगे. लेकिन जल्दबाजी में आकर कुछ कठिन काम आपके हाथ से खराब हो सकते हैं इसलिए जल्दबाजी में आने से बचें और अपने काम पर पूरा फोकस बनाकर रखें. दशम भाव के स्वामी देव गुरु बृहस्पति द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे कार्यक्षेत्र में काम का दबाव रहेगा और व्यस्तता रहेगी और काम के सिलसिले में एक शहर से दूसरे शहर या विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है. छठे भाव के स्वामी मंगल महाराज एकादश भाव में विराजमान हैं जिससे आपको कठिन प्रयासों से अपने कार्य में सफलता मिलेगी और नौकरी में आपका वर्चस्व बढ़ेगा. 

आर्थिक स्थिति बेहतर होने के बनेंगे योग
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना कुछ कमजोर रहने की संभावना दिखाई दे रही है. मंगल महाराज तो पूरे महीने आपके एकादश भाव में रहेंगे जो आपकी सभी परेशानियों को हल करने में मुख्य भूमिका निभाएंगे और आपकी आमदनी को बनाए रखेंगे. आपकी दैनिक आमदनी भी ठीक होगी.
इस प्रकार देखें तो आर्थिक रूप से आपको आमदनी प्राप्त होने के दो प्रबल योग बनेंगे लेकिन एक साथ चार-चार ग्रह आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे. बुध, शुक्र, बृहस्पति और सूर्य महीने की शुरुआत से ही द्वादश भाव में डेरा जमाए बैठेंगे. आपके खर्चों को लगातार बढ़ाते रहेंगे.
इस प्रकार खर्च बढ़ने से आपकी आमदनी भले ही कितनी ज्यादा क्यों ना हो आपके ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है. हालांकि 12 जून को शुक्र 14 जून को बुध और 15 जून को सूर्य के द्वादश भाव से निकलकर प्रथम भाव में आ जाने से इन खर्चों में अचानक से कमी भी आ जाएगी और तब आप अपनी आमदनी का लुत्फ उठा सकेंगे उसका सदुपयोग करेंगे. 

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नाजुक समय में स्वास्थ्य का रखना होगा विशेष ध्यान
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उतार-चढ़ाव से भरा रहने की प्रबल संभावना है. राशि स्वामी बुध, शुक्र, सूर्य, और बृहस्पति के साथ आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे तथा एकादश भाव में बैठे हुए मंगल महाराज पर नवम भाव में बैठे शनि देव की भी दृष्टि होगी जिससे आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं.
अगर आपने समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया तो यह मुसीबत बड़ी हो सकती है. द्वादश भाव में बैठे चारों ग्रह इसके अतिरिक्त एकादश भाव से मंगल और नवम भाव से शनि देव, ये सभी ग्रह आपके छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे जिससे आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है और आप बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं.
इसलिए आपको समय रहते अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए. आवश्यकता होने पर अपनी चिकित्सीय जांच कराएं और चिकित्सक से संपर्क करके आवश्यक उपचार कराएं ताकि आप किसी बड़ी बीमारी का शिकार ना हों. इस महीने नेत्र रोग, गले में दर्द, पेट के रोग, और बड़ी आंतों से संबंधित समस्याएं आपको ज्यादा परेशान कर सकती हैं. अपने स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूक रहकर आप बहुत सारी समस्याओं को होने से पूर्व ही रोक सकते हैं.

प्रेम व वैवाहिक रिश्तों में बढ़ सकती है गहमा-गहमी
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो यह महीना आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है. पंचम भाव के स्वामी शुक्र द्वादश भाव में बृहस्पति बुध और सूर्य के साथ विराजमान रहेंगे जिससे आप और आपके पार्टनर के बीच संबंधों में बढ़ोतरी होगी. अंतरंग संबंधों की बढ़ोतरी होने से आपको बड़ी प्रसन्नता होगी लेकिन विचारों में कुछ समय के लिए भिन्नता हो सकती है जिससे आप एक दूसरे से कुछ कटे-कटे से रह सकते हैं.
मंगल की दृष्टि पंचम भाव पर होना आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं है क्योंकि ऐसे में आपकी सारी ऊर्जा अपने रिश्ते को बचाने में लग जाएगी जबकि उर्जा की अधिकता के कारण रिश्ते में गहमा-गहमी बढ़ सकती है और आप एक दूसरे से अलग हो सकते हैं इसलिए बहुत हद तक सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. पंचम भाव के स्वामी शुक्र महाराज 12 जून को प्रथम भाव में प्रवेश करेंगे तब से आपके प्रेम संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी और आप अपने प्रियतम के प्यार की गिरफ्त में गिरफ्तार हो जाएंगे और अपने दिल को हार बैठेंगे.
इस से आपका प्रेम जीवन पहले के मुकाबले और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाएगा. विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव के स्वामी देव गुरु बृहस्पति द्वादश भाव में शुक्र, सूर्य, और बुध, के साथ विराजमान रहेंगे जिससे रिश्तो में तनातनी होने की स्थिति बन सकती है. परिवार वालों का अत्यधिक हस्तक्षेप आप और आपके जीवनसाथी के बीच तनाव को बढ़ाने का मुख्य कार्य करेगा इसलिए आपको चाहिए कि किसी की सुनी सुनाई बातों पर विश्वास ना करें.
जब तक अपने कानों से कुछ ना सुनें तब तक किसी बात पर विश्वास ना करें और यदि ऐसा कुछ होता भी है तो अपने जीवनसाथी से तुरंत बात करें जिससे आप दोनों के बीच कोई दूरी ना आ पाये और सभी बातें समय रहते ठीक हो जाएं. इससे आपका रिश्ता अनुकूल बना रहेगा और बुध और शुक्र के महीने के उत्तरार्ध में प्रथम भाव से सप्तम भाव को देखने के कारण आपके रिश्ते में प्रेम की बढ़ोतरी होगी और आप खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत करेंगे. 

पारिवारिक रिश्तों में आ सकती है अशांति
यह महीना पारिवारिक तौर पर उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है. राहु दशम भाव में और केतु चतुर्थ भाव में पूरे महीने बने रहेंगे जिससे घर का माहौल अस्थिर रहेगा और घर में अशांति का माहौल भी हो सकता है. आपको अपने परिजनों के बीच अच्छी स्थिति को लाने के लिए कठिन प्रयास करने होंगे. पारिवारिक सामंजस्य कुछ समय के लिए हिल सा जाएगा इसलिए उसे वापस प्राप्त करने के लिए कठिन मेहनत और कठिन प्रयासों की आवश्यकता होगी.
मंगल महाराज एकादश भाव में बैठकर पूरे महीने आपके दूसरे भाव को देखेंगे जिससे आपकी वाणी में कड़वाहट बढ़ सकती है. याद रखिए कड़वी वाणी किसी को पसंद नहीं होती भले ही आप कितनी अच्छी बात कर रहे हो इससे परिवार का माहौल बिगड़ सकता है और घर में लड़ाई झगड़ा भी हो सकता है इसलिए सावधानी रखते ही आगे बढ़ें. शुक्र और बुध जैसे ग्रह महीने के उत्तरार्ध में आपके प्रथम भाव में होंगे जिससे आपके निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होगी आपके मन में सभी के लिए प्रेम और स्नेह की भावना बढ़ेगी और इसी से आप अपने परिवार वालों को एकजुट बनाने में सफल हो सकते हैं. 

उपाय
प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें.
बुधवार के दिन गौ माता को हरा चारा अथवा हरी सब्जियां खिलाएं.
किसी पक्षी के जोड़े को पिंजरे से आजाद करें.
शनिवार के दिन श्री शनि चालीसा का पाठ करें.