मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है. यह सुरक्षा का सबसे बड़ा ग्रह है. मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है. यह व्यक्ति को साहस आत्मविश्वास और शक्ति देता है. यह व्यक्ति को जीवन में उतार चढ़ाव से बचाता है. मंगल अगर कुंडली में राजयोग दे तो व्यक्ति को जीवन में कम उम्र में ही सफलता मिल जाती है. ऐसे में हम आपको बताते हैं मंगल के राजयोग के बारे में.
रूचक योग
यह मंगल का पंचमहापुरुष योग है. अगर कुंडली में मंगल मेष वृश्चिक या मकर राशि में हो तो यह योग बन जाता है. यह योग व्यक्ति को अत्यंत पराक्रमी बना देता है. इस योग से व्यक्ति सेना पुलिस या शक्ति के क्षेत्र में जाता है. इससे व्यक्ति इन क्षेत्रों में उच्चतम पदों तक पहुंचता है. इस योग के होने पर शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहायता करनी चाहिए.
लक्ष्मी योग
कुंडली में चन्द्रमा और मंगल एक साथ हों तो लक्ष्मी योग बनता है. यह योग केंद्र या त्रिकोण में ज्यादा फलीभूत होता है. इस योग के होने से व्यक्ति के जीवन में धन का अभाव नहीं होता. व्यक्ति साधारण जगह पर जन्म लेकर भी अत्यंत धनवान हो जाता है. इस योग वाले लोग अक्सर उच्च पदों पर भी देखे जाते हैं. इस योग के होने पर वाणी और स्वभाव पर नियंत्रण रखना चाहिए. धन और शक्ति के द्वारा दूसरों की सहायता करनी चाहिए.
दशमस्थ मंगल
कुंडली का दसवां भाव अग्नि का मुख्य भाव है. यहां पर मंगल विशेष शक्तिशाली हो जाता है. इससे व्यक्ति अपने परिवार और कुल का नाम रोशन करता है. यह व्यक्ति को परिश्रम तो करवाता है पर करियर में सफलता भी देता है. इससे व्यक्ति तकनीक, सेना अथवा जमीन के क्षेत्र में सफलता पाता है. इस योग के होने पर व्यक्ति को परिवार को साथ लेकर चलना चाहिए. साथ ही नियमित रूप से सूर्य की उपासना करनी चाहिए.