किसी भी कुंडली में मंगल की विशेष स्थिति को मंगल दोष कहा जाता है. मंगल अगर प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में हो तो इसको मंगल दोष कहते हैं. माना जाता है कि यह स्थिति नकारात्मक ही होती है. इससे वैवाहिक जीवन और स्वास्थ्य में समस्या होती है. परन्तु मंगल दोष के विशेष लाभ भी होते हैं.
मंगल प्रथम भाव में हो तो इसके लाभ और हानि क्या हैं ?
व्यक्ति बहुत ज्यादा सुंदर नहीं होता, चेहरे पर लालिमा रहती है. यहां मंगल माता और जीवनसाथी के प्रति ख़राब व्यवहार करवाता है. वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ जाती है. व्यक्ति साहसी और पराक्रमी होता है कठिन से कठिन स्थितियों में भी समस्याओं पर विजय प्राप्त कर लेता है. इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए नियमित रूप से गुड़ का सेवन करें और लाल रंग का प्रयोग कम से कम करें.
अगर मंगल चतुर्थ भाव में हो ?
यह मंगल दोष सबसे कम अशुभ प्रभाव पैदा करता है. यह मंगल वैवाहिक जीवन में तालमेल में समस्या देता है. ऐसे लोग बड़े शक्तिशाली और आकर्षक होते हैं. दूसरों को बड़ी तेजी से अपनी और आकर्षित करते हैं. इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए हनुमान जी की उपासना करें. घर में सूर्य के प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करें.
अगर मंगल सप्तम भाव में हो ?
यह मंगल व्यक्ति के अंदर उग्रता और हिंसा पैदा करता है. इसके कारण व्यक्ति चीज़ों को लेकर बहुत ज्यादा उपद्रव करता है. इस मंगल के कारण अक्सर वैवाहिक जीवन में हिंसा आ जाती है. पर यह मंगल संपत्ति और संपत्ति संबंधी कार्यों में लाभकारी होता है. व्यक्ति बड़े पद और ढेर सारी सम्पत्तियों का स्वामी होता है. इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए मंगलवार का उपवास रखें. एक ताम्बे का छल्ला , मंगलवार को , अनामिका अंगुली में धारण करें.
अगर मंगल अष्टम भाव में हो ?
यह मंगल वाणी और स्वभाव को ख़राब कर देता है. इसके कारण जीवन में अकेलापन पैदा होता है. कभी कभी पाइल्स और त्वचा की समस्या हो जाती है. ऐसा मंगल वैवाहिक जीवन में अलगाव या दुर्घटनाओं का कारण बनता है. इस मंगल के कारण आकस्मिक रूप से धन लाभ होता है. व्यक्ति कभी कभी अच्छा शल्य चिकित्सक भी बन जाता है. इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए नित्य प्रातः मंगल के मंत्र का जाप करें. हर मंगलवार को हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर चढ़ाएं.
अगर मंगल द्वादश भाव में हो ?
यह मंगल सुख और विलास की इच्छा को भड़काता है. ऐसे लोग किसी भी चीज़ से संतुष्ट नहीं होते. यह मंगल वैवाहिक जीवन तथा रिश्तों में अहंकार की समस्या देता है. यह मंगल दोष भी सामान्य नकारात्मक होता है , बहुत ज्यादा नहीं. इस मंगल के कारण व्यक्ति विदेश में खूब सफलता पाता है. ढेर सारे लोगों के प्रेम और आकर्षण का पात्र बनता है. ऐसा मंगल होने पर मंगलवार का उपवास रखना लाभदायक होता है.