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Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण के बाद करें इन चीजों का दान, नहीं होगा ग्रहण का दुष्प्रभाव

कार्तिक पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा. इससे पहले मई में चंद्र ग्रहण लगा था. ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. ग्रहण के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से परहेज किया जाता है. इस दौरान मंत्र का जप करना चाहिए और शिव की अराधना करना चाहिए.

चंद्र ग्रहण 2022 चंद्र ग्रहण 2022
हाइलाइट्स
  • घर के मंदिरों की सफाई

  • शिव का जप दुष्प्रभाव से बचाता है

कार्तिक पूर्णिमा के दिन यानी मंगलवार को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है.पंचांग के मुताबिक कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण लगने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है. यह मध्य दोपहर में 01.32 पर आरम्भ होगा परन्तु भारत में इसका दर्शन चंद्रोदय के साथ ही हो सकेगा.यह पूर्ण चंद्रग्रहण सायं 07.26 पर समाप्त हो जाएगा. 

ज्योतिष के अनुसार ग्रहण को अशुभ घटना माना गया है. लिहाजा ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से मना किया जाता है. इस दिन मंदिरों में पूजा भी करने की मनाही है लेकिन भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करने से कई गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है. वहीं, शास्त्रों में इस दौरान बहुत सी ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है, जिन्हें करने से परहेज किया जाता है.

ग्रहण के दौरान किया जाने वाला विशेष उपाय 
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव के समक्ष बैठें 
- एक घी का दीपक जलाएं और शिव जी को सफ़ेद फूल अर्पित करें 
- इसके बाद या तो शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें 
- या "ॐ चन्द्रशेखराय नमः" का जाप करें 
- पूजा के उपरान्त शिव जी से कृपा की प्रार्थना करें

ग्रहण के बाद क्या करें

  • ग्रहण के बाद ऐसा जरूरी नहीं है कि आप अपने घर के मंदिरों की सफाई करें या मंदिरों को धोएं. ये नियम वहां लागू होते हैं जहां पर देवी-देवाताओं की मूर्तियां प्राण प्रतिष्ठित होती हैं. ज्योतिष में चंद्रमा को आयु और प्राण का मालिक मानते हैं. सूर्य और चंद्रमा का मतलब प्राण और मन. तो चंद्रमा और सूर्य इंवॉल्व होते हैं तो उनकी तरंगों पर असर पड़ता है इसलिए कहते हैं कि मंदिरों के कपाट बंद कर देने चाहिए. लेकिन अगर प्राण प्रतिष्ठा करके मूर्ति नहीं रखी है तो आपको इसकी जरूरत नहीं है.
  • आप सामान्य रूप से ग्रहण के बाद नहाकर पूजा कर सकते हैं. ग्रहण के बाद दोबार शिव की पूजा करें और चंद्रमा का मंत्र ऊं सोम सोमाय नमः का जप करें. और शिव की कृपा से ग्रहण के दुष्प्रभाव का असर ना पड़ने की कामना करें.
  • इसके बाद चंद्रमा से संबंधित चीज जैसे चावल, चीनी, दूध, नारियल, चांदी आदि का किसी निर्धन व्यक्ति को दान करें.