कन्या राशि के जातक बुद्धि में तेज और चालाक होते हैं. इनकी ऑब्जर्वेशन स्किल और तार्किक शक्ति बहुत अच्छी होती है. बिजनेस में इन लोगों का प्रदर्शन काफी शानदार होता है. यह लोग मल्टीटास्किंग में तेज होते हैं और हर काम को बहुत अच्छी तरह से सम्पन्न करते हैं.
यह महीना कन्या राशि के लोगों के लिए औसत रूप से फलदायी साबित होगा. देव गुरु बृहस्पति आठवें भाव में स्थित हैं. शनि देव पांचवें और छठे भाव के स्वामी के रूप में छठे भाव में हैं, जिनके प्रभावस्वरूप करियर में आपको नए मौके मिलेंगे और आपको अपनी मेहनत के बल पर सफलता मिलेगी.
राहु-केतु पहले और सातवें भाव में हैं, जो कि रिश्तों में समस्याएं पैदा कर सकते हैं. बृहस्पति महाराज की प्रतिकूल अवस्था के कारण आपको अपने आर्थिक जीवन और स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. हालांकि इनकी वजह से आपका झुकाव अध्यात्म की ओर अधिक रहेगा साथ ही विरासत के माध्यम से आर्थिक लाभ होने के योग बनेंगे.
कार्यक्षेत्र
करियर के लिहाज से इस महीने आपको थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है क्योंकि देव गुरु बृहस्पति आठवें भाव में स्थित हैं. इसके कारण कार्यस्थल पर आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है और साथ ही आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. दूसरी ओर शनि देव कुंडली के छठे भाव में स्थित होकर आपको काम के प्रति समर्पित होने के आशीर्वाद देंगे. ऐसे में आप अपने कार्यों को समय पर पूरा करने में सक्षम होंगे और सफलता की ओर अग्रसर होंगे.
व्यापार
जो जातक व्यवसायी हैं, उन्हें इस महीने औसत परिणाम मिलने की संभावना बन रही है. अपने व्यवसाय का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं तो हो सकता है कि आपकी योजना असफल हो जाए. इसके अलावा अपेक्षित लाभ अर्जित करने के लिए भी आपको कई प्रयास करने पड़ सकते हैं.
आर्थिक
आर्थिक जीवन की बात करें तो इस महीने आठवें भाव में देव गुरु बृहस्पति की मौजूदगी होने से आपके खर्चों में वृद्धि की संभव है. बढ़ते खर्चों के कारण आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. ऐसे में जरूरतें पूरी करने के लिए आपको कर्ज लेना पड़ सकता है. इसके अलावा इस महीने के दौरान धन हानि होने की भी आशंका है. ऐसे में आप धन की बचत भी नहीं कर सकेंगे.
राहु-केतु की उपस्थिति के कारण आपके ऊपर आर्थिक संकट मंडरा सकता है। हालांकि छठे भाव में स्थित शनि देव आपके आर्थिक जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे. महीने के अंत में जब शुक्र देव की स्थिति अनुकूल होगी, तब आपको पैसा कमाने और बचाने का मौका मिलेगा.
मार्केट में आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है, जिसके कारण प्रोडक्ट की ब्रिकी में गिरावट आएगी. ऐसे में अपेक्षित लाभ अर्जित कर पाना आपके लिए थोड़ा मुश्किल साबित होगा.
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह महीना आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याएं दे सकता है. आठवें भाव में देव गुरु बृहस्पति के होने से आप सिरदर्द और पाचन संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं. इस महीने राहु-केतु की स्थिति भी अनुकूल नहीं है. राहु सातवें भाव और केतु पहले भाव में स्थित है, जिसके वजह से कमर में दर्द और अपच की शिकायत हो सकती है.
आठवें भाव में स्थित गुरु मानसिक तनाव, चिंता और घबराहट जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं. हालांकि छठे भाव में शनि देव की उपस्थिति के कारण आपको बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा क्योंकि स्वराशि में स्थित शनि देव साहस और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान कर सकते हैं. लेकिन इनकी वजह से आपकी टांगो और जांघों में दर्द की समस्या हो सकती है.
इस महीने आपको सलाह दी जाती है कि अपने खानपान के प्रति विशेष रूप से सावधानी बरतें. प्रतिदिन योग, व्यायाम आदि करें और मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करें.
प्रेम और विवाह
कन्या राशि के जो लोग रिलेशनशिप में हैं, उनके लिए यह महीना औसत रूप से फलदायी सिद्ध होगा चूंकि आठवें भाव में बृहस्पति देव और पहले-सातवें भाव में राहु-केतु स्थित हैं. शनि देव पांचवें भाव के स्वामी के रूप में छठे भाव में विराजमान हैं, जिसके कारण किसी प्रिय के साथ आपकी बहस या नोक-झोंक हो सकती है.
जो लोग सिंगल हैं और जिनकी शादी नहीं हुई है, उन्हें बहुत अच्छे परिणाम देखने को नहीं मिलेंगे. संभव है कि आपको अपना हमसफर ढूंढने के लिए थोड़ा इंतज़ार करना होगा. वहीं जो लोग शादीशुदा हैं, उन्हें भी अपने रिश्ते में कई उतार-चढ़ावों से गुज़रना पड़ सकता है. प्रेम के कारक शुक्र देव महीने के अंत में जब अनुकूल अवस्था में होंगे, तब आपको अपने प्रेम और वैवाहिक जीवन में सुख की अनुभूति होगी.
पारिवारिक
आशंका है कि इस महीने आपको अपने पारिवारिक माहौल को देखकर उलझन महसूस होगी. चौथे भाव के स्वामी के रूप में आठवें भाव में देव गुरु बृहस्पति की उपस्थिति होने की वजह से परिवार के सदस्यों में अहंकार की भावना पैदा हो सकती है, जिससे वाद-विवाद और मतभेद बढ़ने के आसार ज़्यादा रहेंगे. शनि देव छठे भाव में स्थित हैं और इनकी दृष्टि आठवें भाव में विराजमान देव गुरु बृहस्पति पर पड़ रही है, जिसके कारण परिवारजनों के बीच संबंधों में गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं. आशंका है कि यह गलतफहमियां पैसों को लेकर होंगी.
उपाय है कि प्रतिदिन 41 बार "ॐ कालिकायै नमः" का जाप करें. प्रतिदिन 41 बार “ॐ केतवे नमः” का जाप करें.