वास्तु शास्त्र के बताए नियमों का पालन नहीं करने पर हमें काफी हानी होती है. इसके साथ ही वास्तु शास्त्र के बताए नियमों का पालन नहीं करने से हमें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है. वास्तु शास्त्र में घर बनाने से लेकर दिशाओं के अलावा रोजमर्रा के कामों को लेकर भी कुछ अहम बातें बताई गई है. वास्तु शास्त्र में भोजन करने के तरीकों के बारे में भी बताया गया है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि हमें किस तरह से भोजन करना चाहिए. किस दिशा में अपना चेहरा करके भोजन करना चाहिए. इसके साथ भी यह भी बताया गया है कि कहां पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए. हम यहां पर आपको वास्तु शास्त्र में बताई गई खाना खाते समय की जाने वाली गलतियों के बारे में बता रहे हैं. जो काफी आम तो लगती है लेकिन उनसे हमें बड़ा नुकसान होता है.
इस दिशा में न करें भोजन
वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके खाना नहीं खाना चाहिए. ऐसा करने से सेहत पर असर पड़ता है. हमेशा भोजन करने के दौरान अपना मुख उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ रखें.
बिस्तर पर बैठकर ना करें भोजन
बिस्तर पर बैठकर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए. बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से कर्ज बढ़ता है. इसके साथ ही धन की कमी होती जाती है. जिसके चलते परेशानीयां और भी बढ़ जाती है. इतना ही नहीं यह बीमारी का कारण भी बनता है.
डाइनिंग टेबल ना रखें खाली
डाइनिंग टेबल को कभी भी खाली नहीं रखना चाहिए. डाइनिंग टेबल पर हमेशा फल, मिठाई या खाने-पीने की चीजें रखना चाहिए.
जूठे बर्तन किचन में न छोड़ें
खाना खाने का बाद जूठे बर्तन किचन में नहीं छोड़ना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है. जिनके नाराज होने पर घन की हानी होती है. साथ ही कंगाली भी आती है.
घर में आए मेहमानों को ऐसे खिलाएं खाना
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में आए मेहमानों को खाना हमेशा खाना खिलाने के दौरान दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ कर मुख करके बैठाना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें भोजन परोसने से पहले भगवान या फिर ईष्टदेव को भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है. साथ ही घर में हमेशा अन्न, धन के भंडार रहते हैं. इसके साथ ही कभी भी धन की कमी नहीं होती है.