24 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी. दिवाली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है. इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और गणेश जी की विशेष पूजा-आराधना की जाती है. दिवाली पर लोग अपने घर में दीपक जलाकर पूजा करते हैं. दीपावली का त्योहार अंधकार से प्रकाश, अज्ञान से ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है. आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार दिवाली पर किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए. अगर ऐसा संभव नहीं है, तो आप पश्चिम दिशा में भी पूजा कर सकते हैं.
श्री यंत्र और कुबेर यंत्र के साथ पूजा करते समय हमेशा देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियों को रखें क्योंकि इसे भाग्यशाली माना जाता है.
घर के मेन डोर के दोनों सिरों पर एक स्वस्तिक होना चाहिए और वहां शुभ लाभ लिखा होना चाहिए.
जो घर पूर्व दिशा की ओर हैं, उनमें पीले रंग की सजावटी करनी चाहिए. इससे घर में गुडलक आता है. दक्षिण की ओर फेस वाले घरों में लाल रंग का उपयोग किया जाना चाहिए. यदि आपका घर पश्चिम दिशा की ओर है तो नीले और सफेद तथा कम लाल रंग का प्रयोग करें.
पटाखे फोड़ने के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण मानी जाती है. उत्तर पश्चिम की तरफ भी पटाखें जलाए जा सकते हैं. लंबे समय तक चलने वाले पटाखे फोड़ने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा का उपयोग नहीं करना चाहिए.
टूटे हुए फर्नीचर, खराब पड़े इलेक्ट्रॉनिक्स, पुराने कपड़े, बेकार कागज आदि को दिवाली से पहले हटा देना चाहिए, क्योंकि ऐसी वस्तुओं को राहु, शनि और केतु के कारण होने वाली दुर्घटनाओं का कारण माना जाता है.
दिवाली के मौके पर आप अपने घर के उत्तर पश्चिम में आर्टिफिशियल झरना लगा सकते हैं. वास्तु के अनुसार बहता पानी हमेशा से ही भाग्यशाली माना गया है.
दिवाली पर बिल्ली को दूध पिलाने से घर में खुशी आती है. दिवाली के मौके पर ईशान कोण को हमेशा साफ रखना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ये दिशा देवताओं की होती है. इसलिए हर मंदिर ईशान कोण में ही बनी होता है.