Shukra Gochar 2022: रिश्तों, विवाह और बच्चों से संबंधित मामलों से निपटने में शुक्र वैदिक ज्योतिष में अपना महत्व रखता है. अगर आपका शुक्र अच्छा है तो आप प्यार में समृद्ध होंगे और आपके आस-पास सुंदरता और रचनात्मकता रहेगी. शुक्र ग्रह वृष और तुला राशि पर शासन करता है और मीन राशि में होने पर उच्च का होता है. हालांकि, यदि आपका ग्रह कन्या राशि में है, तो आपको कुछ प्रतिकूलताओं और कठिन समय झेलना पड़ सकता है. इसके साथ, यदि शुक्र बुध, केतु, या शनि के साथ युति करता है, तो आपका जीवन समृद्ध होता है, और राहु, सूर्य या चंद्रमा के साथ युति होने पर, हर जगह आपके साथ दुखदायी समय आ सकता है.
31 मार्च को शुक्र करेगा गोचर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रह एक निश्चित समय के लिए गोचर करता है. इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है. 31 मार्च को धन, वैभव और सुख का गुरू माने जाने वाले शुक्र का गोचर होने जा रहा है.शुक्र ग्रह 31 मार्च को कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. इस दिन शुक्र देव सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव हैं. शुक्र का यह गोचर किन राशियों के लिए शुभ फलदायी वाला साबित होगा आइए जानते हैं.
1. कुंभ
कुंभ राशि के लोगों के लिए शुक्र गोचर अति लाभकारी साबित होगा. शुक्र आपकी राशि के लग्न भाव में गोचर कर रहे हैं. इस दौरान आपको किस्मत का पूरा साथ मिलेगा. यानी की नौकरीपेशे वालों को उनके बॉस या अन्य द्वारा तारीफ मिलेगी. इसके साथ ही आपको व्यापार में भी आर्थिक लाभ मिल सकता है. कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं. ज्योतिष में शनि व शुक्र के बीच मित्रता का भाव है.
2.मकर
मकर राशि में शुक्र का गोचर दूसरे भाव में होगा. दूसरे भाव को धन और वाणी का भाव कहा जाता है. यानी कि इस दौरान आपको नौकरी में इंक्रीमेंट मिल सकता है. आपको कारोबार में लाभ हो सकता है. मकर राशि के जातकों की राशि में शुक्र देव दशम भाव के स्वामी हैं, जिसे कर्म या करियर का भाव माना जाता है. इस वजह से आपको नई नौकरी के प्रस्ताव भी मिल सकते हैं.
3. मेष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र का गोचर मेष राशि के जातकों के लिए लाभकारी साबित होगा. शुक्र का गोचर इस राशि के 11 वें भाव में होगा और 11वें भाव को धन का भाव माना जाता है. ऐसे में इस अवधि में आपकी सैलरी बढ़ने के चांसेज बढ़ जाते हैं. इसके अलावा आपकी आय के अन्य स्तोत्र बनेंगे. शुक्र आपकी राशि के दूसरे व सप्तम भाव के स्वामी हैं.