अगर प्रेम विवाह या स्वयंवर का मामला हो तो विवाह किया जा सकता है. जो कार्य नियमित रूप से हो रहे हों उनको करने में भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं है. सीमान्त,जातकर्म और अन्नप्राशन आदि कर्म पूर्व निश्चित होने से इस अवधि में किये जा सकते हैं. गया में श्राद्ध भी इस अवधि में किया जा सकता है , उसकी भी वर्जना नहीं है.
In this video, Pandit Shailendra Pandey is telling about what tasks can be done in Dhanu Kharmas.