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TCS on using credit card: क्रेडिट कार्ड के अंतरराष्ट्रीय इस्तेमाल पर अब देना होगा 20% TCS, बढ़ जाएगा फॉरेन ट्रिप पर आने वाला खर्च

ये ध्यान देना जरूरी है कि पहले विदेश यात्रा के दौरान खर्च के लिए क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को एलआरएस के तहत शामिल नहीं किया जाता था. इस योजना में पहले डेबिट कार्ड, विदेशी मुद्रा कार्ड और बैंक ट्रांसफर शामिल थे.

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हाइलाइट्स
  • बढ़ जाएगा फॉरेन ट्रिप पर आने वाला खर्च

  • नए नियम के बारे में यहां जानें सबकुछ

केंद्र सरकार ने देश के बाहर क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर 20% टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स) लगाने की घोषणा की है. नया टैक्स रेट 1 जुलाई 2023 से लागू होने जा रहा है. फिलहाल, देश के बाहर क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर 5% टीसीएस लगता है जोकि 1 जुलाई से बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा. वित्त मंत्रालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियम, 2000 की धारा 7 को हटा दिया है. गौरतलब है, भारतीयों ने वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-फरवरी के दौरान विदेश यात्रा पर $12.51 अरब खर्च किए थे. 

विदेश में किए गए खर्च एलआरएस में शामिल 

इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च पर अब 20 फीसदी टीसीएस का नियम लागू होगा. ये ध्यान देना जरूरी है कि पहले विदेश यात्रा के दौरान खर्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किए गए भुगतान एलआरएस के दायरे में नहीं आते थे. इस योजना में पहले डेबिट कार्ड, विदेशी मुद्रा कार्ड और बैंक ट्रांसफर शामिल थे. अब क्रेडिट कार्ड से किया गया अंतरराष्ट्रीय भुगतान भी 2.5 करोड़ रुपये की लिमिट में शामिल किया जाएगा. इस बदलाव से विदेशी क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में कमी आएगी. 20 फीसदी TCS की वजह से विदेशी यात्रा पर आने वाला खर्च बढ़ जाएगा.

पढ़ाई और मेडिकल खर्च पर नहीं लगेगा 20 फीसदी TCS

वित्त मंत्रालय ने कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन (Current Account Transactions) (संशोधन) नियम, 2023 के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेश में किए गए खर्च को भी एलआरएस में शामिल किया जा रहा है. पढ़ाई और मेडिकल खर्च को छोड़कर एलआरएस के तहत विदेशी टूर पैकेज या फिर दूसरे खर्च पर लोगों को 20 फीसदी टीसीएस का भुगतान करना होगा. हालांकि इसे टैक्स स्लैब के हिसाब से क्लेम किया जा सकता है. 

एक साल में अधिकतम 2.5 लाख डॉलर विदेश में भेज सकते हैं

नोटिफिकेशन तत्काल प्रभाव से भारत के बाहर क्रेडिट कार्ड के माध्यम से की लेनदेन को LRS के अंतर्गत लाती है, जिसके तहत अब ज्यादा TCS लगाया जाएगा. इसके तहत कोई भी निवासी विदेश में ज्यादा से ज्यादा 2.50 लाख डॉलर ही सालाना खर्च/भेज सकता है. इससे ज्यादा विदेशी मुद्रा के रूप में रकम खर्च करने पर आरबीआई से मंजूरी लेनी होगी. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खर्चे टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) के दायरे में आएं.

TCS यानी कि टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स. इसका मतलब इनकम से इकट्ठा किया गया टैक्स होता है. TCS का भुगतान सेलर, डीलर, वेंडर, दुकानदार की तरफ से किया जाता है. 

बता दें, LRS के तहत भारतीय नागरिकों को विदेश में पैसे खर्च करने के लिए इजाजत मिलती है.