भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 के कुल 3.62 लाख करोड़ की कीमत के नोट सर्कुलेशन में थे. इसमें से 2.41 लाख करोड़ की कीमत के नोट वापस बैंकों में जमा हो चुके हैं.
19 मई को नोट वापस लेने का किया था ऐलान
रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को 2000 के नोट वापस लेने का ऐलान किया था और 23 मई से नोट वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. 2000 के कुल 3.62 लाख करोड़ की कीमत के नोट सर्कुलेशन में थे. रिजर्व बैंक ने कहा है कि इसमें से 2.41 लाख करोड़ की कीमत के नोट वापस बैंकों में जमा हो चुके हैं.
85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा के रूप में आए हैं
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मोटे तौर पर 2000 के लगभग 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा के रूप में आए हैं. इससे पहले, आठ जून को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद में दास ने कहा था कि 1.8 लाख करोड़ रुपए के 2,000 रुपए के नोट वापस आ गए हैं. यह चलन में मौजूदा 2,000 रुपए के कुल नोट का लगभग 50 प्रतिशत था. इसमें मोटे तौर पर 85 प्रतिशत बैंक शाखाओं में जमा हुए हैं जबकि अन्य को दूसरे मूल्य के नोट से बदला गया.
नोट जमा करने में नहीं करें जल्दबाजी
केंद्रीय बैंक ने नोट एक्सचेंज या फिर जमा करने के अंतिम दिन 30 सितंबर, 2023 तय की है. लोग नोट को जमा करने में जल्दबाजी कर रहे हैं. इसपर दास ने कहा कि ये समय सीमा कोई पत्थर की लकीर नहीं है. लोगों को पैसे जमा करने या फिर एक्सचेंज करने के लिए जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है. आपको मालूम हो कि नवंबर 2016 में सरकार ने 2000 के नोटों की चलन की शुरुआत की थी. हालांकि सरकार ने 2018-19 में ही 2000 के नए नोटों की छपाई बंद कर दी थी.
अर्थव्यवस्था पर नहीं होगा कोई असर
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 के नोट वापस लेने का देश की मौद्रिक स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. आरबीआई और सरकार ने अनुमान जताया है कि इस वित्तीय वर्ष विकास दर 6.5 प्रतिशत रहेगी. उधर, एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक का 2,000 रुपए के नोट चलन से वापस लेने से खपत में तेजी आ सकती है और इससे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है.