एक तरफ गर्मी से हाहाकार, दूसरी तरफ मंहगाई की मार...आम आदमी जाए भी तो कहां जाए. लोग बचत करके सामान खरीदते हैं ताकि गर्मी की तपिश के बीच चैन की नींद सो पाएं लेकिन अब AC फ्रिज की खरीददारी से भी आपकी जेब जल सकती है. गर्मियों में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के दाम पांच से 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं.
अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर कंटेनर फंसने से एसी, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, ऐसे में आने वाले समय में इनकी खरीददारी आपकी जेब टाइट कर सकती है. फ्रिज की कीमत में 3000 से 5000 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. वहीं एसी के दाम भी आसमान छू रहे हैं. मध्यम तबके के लोगों की जेब पर ही इस महंगाई का सबसे ज्यादा असर पड़ता है.
कैसे बढ़ते हैं इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के दाम
कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन संकट के कारण सप्लाई चेन प्रभावित होने से कच्चे माल की कीमत काफी बढ़ गई है. इसका सीधा असर सामान की कीमतों पर पड़ा है.
घर पर रहने और कई वर्क फ्रॉम होम करने के कारण रोजमर्रा के सामानों की मांग बढ़ी है. मांग बढ़ने के कारण सप्लाई चेन प्रभावित होती है.
वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ जाने से भी सामान की कीमतें बढ़ती हैं.
पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने का सीधा असर महंगाई पर पड़ता है. पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने से मालभाड़ा बढ़ जाता है. खासतौर पर मध्यम तबके के लिए ज्यादा मुश्किलें बढ़ती हैं.
तांबा, लोहा, प्लास्टिक के दाम बढ़ने से भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के दाम बढ़ते हैं.
आम आदमी की जेब पर होगा ये असर
गर्मी की मार से बचने के लिए अगर आप एसी और फ्रिज खरीदने की सोच रहे हैं तो हर प्रोडक्ट पर आपको 3000 से 5000 रुपये तक ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं. यदि आपने किसी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट को पहले सस्ते दाम पर देखा हो और उसे अब लेने का मन बना रहे हों तो आपको जेब ढीली करनी पड़ सकती है.